माह में 8-10 दिन ही कार्य कर मोटी तनख्वाह लेकर सरकार को लगा रहे है चूना
रायगढ़———- आमतौर पर साप्ताहिक अवकाश रविवार को ही होता है परन्तु रायगढ़ के लगभग सभी दफ्तरों के बड़े अधिकारी शुक्रवार को आधा समय दफ्तर में बिताकर सीधे बुधवार को ही दर्शन देते है। शुक्रवार की दोपहर से ही अधिकारी अपने घरों की ओर प्रस्थान कर देते है। शनिवार एवँ रविवार छुट्टी का भरपूर आनंन्द लेने के बाद सोमवार को भी गेप कर सीधे मंगलवार को होने वाली टी एल मीटिंग में शामिल होकर अपने आवास लौट जाते है एवं मात्र 2 दिन बुधवार एवं गुरुवार को दफ्तर में देखे जा सकते है। इस प्रकार से माह में महज 8-10 दिन ही कार्य करते है और सरकार से मोटी तनख्वाह झोंक लेते है। इन अधिकारियो के उपस्थिति रजिस्टर की गहन जांच की जानी चाहिए कि इनकी अनुपस्थिति में इनके हस्ताक्षर कौन करता है। यदि जिला दंडाधिकारी 1 माह ही सभी कार्यालयो का कार्यालयीन समय पर औचक निरीक्षण कर लेवे तो उन्हें भी मालूम चल जायेगा कि उनके अधीनस्थ अधिकारी कितने कर्तव्यनिष्ठ एवं अपने काम,जिम्मेवारी के प्रति कितनी ईमानदारी,लगन से कार्य करते है। अधिकारियो की गैरहाजिरी में दफ्तरों का सारा कार्य बड़े बाबू या फिर सहाब के विश्वासपात्र कर्मचारी ही संभालते है। जो सहाब के आने पर फाइलों में दस्तखत लेकर कार्यो को आगे बढ़ाते है। अधिकारी भी मोटी मोटी फाइलों में बगैर कुछ पढ़े दस्तखत करते चले जाते है।