रायगढ़——- प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा सोचित गौठानो की योजना पूरी तरह से फलाफ़ हो रही है। इसकी अपेक्षा सर्वसुविधायुक्त कांजी हाउस बनाये जाते तो इसका बहुत फायदा होता। सभी शहरों की मुख्य सड़कों पर गाय,सांड,भैस आदि डेरा जमाकर अतिक्रमण कर रहे है साथ ही ये बड़ी ही बेशर्मी से सड़कों पर बैठे रहते है। उठाने पर भी नही उठते। इनकी संख्या दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। जिसका मुख्य कारण इन मूक पशुओं के मालिक है जो कि इनके दुधारू रहने पर जमकर दुहकर 40,50 ₹ लीटर में इनका दूध विक्रय करते है और दूध देना बंद हो जाने पर इन पशुओं को आवारा बनाकर सड़को पर छोड़ देते है। शासन को इन मूक पशुओं के मालिकों पर कार्यवाही करनी चाहिए।
गौठानो की अपेक्षा कांजी हाउस बनाये जाते तो सड़के इनके अतिक्रमण,आतंक,दुर्घटनाओं से मुक्त हो जाती। इनको कांजी हाउस में लाने,रखने,सेवा करने,चारा देने,गोबर एकत्रित करने,खाद बेचने आदि के काम करने पर रोजगार भी बढ़ते। बूचड़खाने जाने से भी ये बचे रहते। कांजी हाउस अनाथ पशुओं की जेल होती है। जहां पर ये महफूज रह सकते है। इस कार्य के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया जा सकता है।जिसके द्वारा पशु सेवा की जा सकती है और इनकी कचरा,पालीथिन खाने की आदतें भी छूट जायेगी। जिससे ये असमय काल कलवित होने से बच जाएंगे।