
रायगढ़——- अज्ञात एवं अनसुलझे,पेचीदे,फाईल बंद मामलों को सुलझाने में सिद्धस्त पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह की संगत की रंगत का असर पूरे विभाग में देखा जा सकता है। अधिकारी से लेकर कर्मचारियों में अपने कप्तान के कार्यो का असर देखने को मिल रहा है। जिससे लगता है कि पुलिस विभाग में आपराधिक मामलो को सुलझाने की कोई प्रतियोगिता चल रही है।यह आमजन के लिए एक अच्छा संकेत है। सख्ती,बेरुखे व्यवहार के कारण बदनाम पुलिस थानों में आजकल आम व्यक्ति भी अपनी समस्या के निपटारे को लिये सीधे थानों का रुख कर रहे है। जिसका कारण कप्तान की सरल कार्यशैली है। पुलिस कप्तान ने सालभर के भीतर ही लोगो के दिमाग से पुलिस के प्रति छाया डर मिटा दिया। पुलिस लोगो से मित्रवत आत्मियता का व्यवहार करने लगी है।
लगभग 18 माह पहले किन्ही अज्ञात तत्वों ने सर्किट हाऊस के करीब लगी लाखो रुपये से भरी एस बी आई बैंक की ए टी एम मशीन को ही उखाड़कर गायब कर दिया था। जिसे रायगढ़ पुलिस ने चुनौती के रूप में स्वीकार कर आरोपियों पर अपनी नजरें फोकस कर रखी थी। पुलिस अधीक्षक के कुशल मार्गदर्शन में पुलिस ने घटना में प्रयुक्त महिंद्रा माराजो कार,लूटी ए टी एम मशीन नगद रकम सहित 3 आरोपियों को धरदबोचा था। इस मामले में फरार चल रहे अन्य आरोपियों की सरगर्मी से तलाश की जा रही थी। जिनमे से 4 अन्य आरोपियों को बाद में गिरफ्तार कर जेल दाखिल करवाया गया परन्तु 8वां आरोपी पुलिस को बहुत छका रहा था। वह लूट की रकम का हिस्सा लेकर ओड़िसा,झारखंड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली घूम रहा था। पूरी रकम खर्च हो जाने पर पुनः अपने गृहग्राम तमनार लौट आया। वहीं इस पूरे मामले की विवेचना कर रहे विवेचक सब इंस्पेक्टर जे पी निषाद के मुखबिर तंत्र सक्रिय थे। जिन्होंने आरोपी के तमनार लौट आने की सूचना दी। जिसपर जे पी निषाद ने आखरी आरोपी कीर्ति ध्वज सिदार के घर दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर रायगढ़ लाया गया। जहां उसने लूटकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर लूट के हिस्से में मिली रकम को खर्च हो जाना बतलाया। आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल दाखिल करवाया गया।