महापौर पहुंची सत्यनारायण धाम,धनाढ्यों,नेताओ,नेताओ,पत्रकारों,उद्योपतियों, रशुखदारो ने भी भोले के दरबार मे मत्था टेका.
रायगढ़—- देवो में देव महादेव की महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आज पूरा शहर शिवमय नजर आया.ब्रह्ममुहूर्त से ही मंदिरो के बाहर भक्तो की लाईन लगनी शुरू हो गई थी लोग अपनी बारी आने के लिए घँटों इंतजार करते देखे गये. सब से सीधे,सबसे सरल,सबसे भोले अविनाशी,त्रिकालदर्शी पर दुग्ध,नीर,गंगाजल, मधु,कुशा,पुष्प,फल,अक्षत,इतर,रोली,मोली,सिंदूर,अबीर आदि अपर्ण करने हेतु सभी शिवालयों में आपाधापी मची रही.ॐ नमः शिवाय महामंत्र गूंजते रहे,घण्टी,घँटे अनवरत बजते रहे.घी, तेल, अगरबत्ती,धूप,कपूर,की सुगंध से वातावरण में शिव भक्ति भावना जागृत हुई.धतूरा,गांजा,भांग,की पुछवारी अधिक होने से ऊंची कीमतों पर बिके.महाराज, पंडित, ब्राह्मण प्रधानमंत्री से ज्यादा व्यस्त एवं अर्थपिपाशु दिखे.शहर के निकले महादेव, भरतकूप, गौरीशंकर मंदिरो में भक्तो की अप्रत्याशित भीड़ नजर आई.मनकामेश्वर मन्दिर में विशेष तरह के भक्त पहुंचे. कोसमनारा का दृश्य तो मेले के रूप में तब्दील नजर आया.लाखो भक्तो का आवागमन,सैकड़ो अस्थाई अनेक प्रकार से सजी दुकाने गाड़ियों की रेलमपेल से पुलिस,यातायात विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ी.ऐतिहासिक भीड़ में सबसे ज्यादा आसपास के ग्रामीण,पड़ोसी राज्य ओडिसा से चार चकिया, ट्रेक्टरों,दुपहिया,ट्रेनों के माध्यम से भक्त आते जाते रहे.मगर भीड़ कम की अपेक्षा बढ़ती ही रही.उक्त धार्मिक स्थल पर सुबह 10 बजे से रात्रि 9 बजे तक महाभण्डारा चलता रहा.जहां भक्तगण प्रसाद ग्रहण कर अपने आप को खुशकिस्मत समझे.
इसी कड़ी में नगर के प्रथम नागरिक जानकी काटजू भी बाबाधाम पहुंचकर बालहठी से आशीर्वाद लिया ततपश्चात भण्डारे में पहुंचकर भक्तजनों को प्रसाद वितरण कर भोलेनाथ की सेवा की
एक बात समझ से परे रही कि बाबाधाम के पदाधिकारियों ने ऊंचे स्थान पर मंच बनाकर क्यूँ मंचासीन रहे जबकि भगवान के दरबार मे राजा,रंक,फकीर सब समान होते है.
