🅾️ लगभग सभी के घरों में इतना राशन तो होता है कि 5-6 मेहमान आ जाएं तो नाश्ता बन जाए, किंतु यदि अचानक से 50-60 मेहमान आ जाए तो इतना राशन तो कोई नहीं रखता की बगैर खरीद कर लाये सबको संतुष्ट किया जा सके
तब के थम यो बोलेगे कि यो घर तो घणा गरीब लाग स, राशन समान भी पूरा ना राखता घर की व्यवस्था भी ठीक स ना राखता यो घर तो घणा गरीबड़ा स चालो इत स
यही हाल अस्पतालो,डाक्टरो ऑक्सीजन और दवाओ का है।
सब पर्याप्त मात्रा में थी, लेकिन अचानक से माहमारी के फैलने से से कई गुना ज्यादा लोग रोगग्रस्त हो कर अस्पतालों में पहुंचने लगे।
बड़ी बात यह है कि चिकित्साकर्मियों, सरकार, ब्यूरोक्रेट्स ने 3-4 दिनों में स्थितियों को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया है। जन सहयोग भी काफी मिला है।
जिन्हें लगता है कोई कुछ नहीं कर रहा, आलाअधिकारी,डाक्टर आदि मजे कर कमाई करने में लगे हुए है।वे महज 24 घण्टे उनके साथ घूमकर,रहकर देखें,जो अपनी जान की परवाह किये बगैर जनसेवा में सतत् लगे हुए है।
ध्यान दिया जाना चाहिए कि ,आज देश की परिस्थिति विषम है,अलग है, कोरोना वायरस क्रियाशील है।
कब क्या होगा, इसका अंदाजा विश्वभर के वैज्ञानिक भी नहीं लगा पा रहे हैं
व्यवस्था पर उंगली उठाने से बेहतर है, उसे ठीक करने में जो हमारी अपेक्षित भूमिका है, उनका निर्वहन करें

सकारात्मक रहें
सुरक्षित रहें
स्वस्थ रहें🤝🇮🇳✌️
विनीत- सीएमएचओ डॉ. एसएन केसरी