

जगदलपुर। कोरोना महामारी का प्रकोप नक्सलियों पर भी लगातार देखने को मिल रहा है। बस्तर में कई बड़ी नक्सल घटनाओं को अंजाम देने वाला खूंखार माओवादी माडवी हिड़मा भी कोरोना से अछूता नहीं रहा। बस्तर के जंगलों में पिछले कई दिनों से हिड़मा कोरोना से जूझ रहा है। हिड़मा माओवादियों की दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का मेंबर (DKSZCM) है और इस पर 25 लाख रुपए का इनाम है। इसकी पुष्टि बस्तर करते हुए बस्तर के IG सुंदरराज पी ने कहा है- हिड़मा के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिली है, पिछले कई दिनों से ये बीमार है। हिड़मा के अलावा कई और बड़े कैडर के नक्सली भी कोरोना से जूझ रहे हैं। हिड़मा के साथ सभी सरेंडर कर दें, हम इलाज करवाएंगे।हिड़मा को दवाइयों की है आवश्यकता सूत्रों की मानें तो कोरोना से जूझ रहे हिड़मा को अभी दवाइयों की सख्त आवश्यकता है। कुछ दिन पहले बीजापुर पुलिस ने नक्सलियों के सप्लाई टीम के 2 सदस्य को गिरफ्तार किया था। उनके पास से पुलिस ने भारी मात्रा में दवाइयां, मास्क, सेनिटाइजर बरामद किए थे। पुलिस के अनुसार ये दवाइयां माओवादी पुनेम ने मंगवाई थीं और वहां से हिड़मा तक ये दवाइयां पहुंचनी थी।2 दिन पहले 40 लाख रुपए के इनामी नक्सली हरिभूषण की भी बीमारी से मौत हो चुकी है।इन बड़ी नक्सल घटनाओं का है मास्टर माइंडबस्तर में कई ऐसी बड़ी नक्सल घटनाएं हुई हैं जिसने देश को रुलाया है। इनमें ताड़मेटला की घटना में 76 जवान, रानीबोदली में 55 जवान, बुर्कापाल में 25 जवान व टेकलगुड़ा में 22 जवान शहीद हुए थे। बड़ी बात यह है कि पूवर्ती गांव का रहने वाला 25 लाख रुपए का हार्डकोर इनामी नक्सली हिड़मा ही इन घटनाओं का मास्टर माइंड था, जिसने इन सभी घटनाओं को लीड किया था।हिड़मा पर है पुलिस की नजरतेलंगाना के कोत्तागुडम SP सुनील दत्त ने भी हिड़मा के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की है। हिड़मा के कोरोना संक्रमित होने के बाद अब छत्तीसगढ़ और तेलंगाना इन दोनों राज्यों की पुलिस भी इस पर नजर बनाए हुए है। पुलिस हिड़मा का सरेंडर करवाने की कोशिश भी लगातार कर रही है। यदि हिड़मा सरेंडर कर लेता है तो बस्तर और तेलंगाना में कुछ हद तक माओवाद बैकफुट हो जाएगा और पुलिस राहत की सांस लेगी।जानिए कौन है माडवी हिड़मा
बस्तर के पूवर्ती गांव में रहने वाला माडवी हिड़मा गांव के ही प्राथमिक स्कूल में पढ़ाई करता था। उस वक्त इलाके में सक्रिय नक्सली बदरन्ना ने हिड़मा की एक्टिविटी देख कर उसे नक्सलियों के बाल संघम में भर्ती किया था। हिड़मा की आगे की पढ़ाई नक्सली स्कूल में ही हुई थी। बाद में हिड़मा के फुर्तीले शरीर को देखते हुए नक्सलियों ने इसे अपने LOS ग्रुप में शामिल किया गया।हिड़मा की बनाई योजनाओं में माओवादियों को कई सफलताएं भी मिली। यह नारायणपुर, बीजापुर , गढ़चिरौली में कई सालों तक सक्रिय था। बड़े लीडरों ने कोंटा एरिया कमेटी के जॉइंट प्लाटून का कमांडर बनाया था। 2007 से 2021 तक इसने कई बड़ी नक्सल घटनाओं को अंजाम दिया। वर्तमान में यह नक्सलियों की मिलिट्री बटालियन नम्बर 1 का कमांडर व दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZCM) का मेंबर भी है।बीमारी के चलते DVCM मेंबर कट्टी मोहन राव उर्फ दामू दादा की भी मौत हो चुकी है। इस पर 8 लाख रुपए का इनाम घोषित था।ये DKSZCM मेंबर भी हैं बीमार
खूंखार माओवादी हिड़मा के अलावा दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर के विकास और महिला माओवादी सुजाता भी कोरोना संक्रमित है। ये दोनों भी 25-25 लाख रुपए के इनामी नक्सली है। 40 लाख रुपए के इनामी माओवादी हरिभूषण व 8 लाख रुपए के इनामी कट्टी मोहन राव की कोरोना से मौत भी हो चुकी है। कोरोना से अब तक 10 नक्सलियों ने दम तोड़ा है तो वहीं कई बड़े लीडर इस बीमारी से जूझ रहे हैं।