टूटी कलम रायगढ़— मजबूत इरादों से कोई भी काम असम्भव नही होता,होनहार के होते चिकने पात,मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है,वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है,कार्य इतनी शांति से करो कि सफलता शोर मचा दे, अपनी धुन का पक्का और लगन के धनी होने से मनुष्य की हर मुश्किले आसान हो जाती है। उक्त बातों को चरितार्थ कर दिखलाया 3 युवा उद्योगपति मित्रो ने,जिनके संघर्ष की अपनी अपनी अलग ही दास्तां है। ये 3 लोग इस शहर के लिए अंजान नही है। शहर की प्रत्येक समाजसेवी गतिविधियों में इनकी सहभागिता रहती ही है। दान पुण्य के कार्यो में भी ये लोग अग्रिम पंक्ति में शामिल रहते है। अनूप बंसल,घनश्याम (बंटी) डालमिया,श्रवण अग्रवाल के नाम किसी के परिचय के मोहताज नही है। सबसे मधुर व्यवहार,सबको साथ लेकर चलने के गुण इनमें विद्यमान है।
जब इन्होंने इस शहर में व्यवसाय करने के लिए कदम रखे थे तब किसी ने तो क्या इन्होंने ने भी नही सोचा होगा कि वे उस ऊंचाइयों तक पहुंच जायेंगे जहां इंसान लाखो जतन करके भी कई जन्मों तक नही पहुंच पाता। इन लोगो की सफलता का कारण यह है कि ये लोग अपने होने वाले विरोधों को नजरअंदाज कर अपने मार्ग में निष्कंटक आगे बढ़ते रहे।
इन लोगो ने कभी इंड एग्रो के नाम से संचालित होने वाली बंद हो चुकी फैक्ट्री को अपनी सारी जमापूंजी लगाकर टेकओवर कर इंड सिनर्जी का नाम देकर बंद हो चुकी फैक्ट्री में आक्सीजन फूंक डाली। जिसका सुखद परिणाम धीरे धीरे सामने आखिर आ ही गया और फैक्ट्री को विस्तार की आवश्यकता पड़ गई। जिसके लिए शासन को नियमानुसार जनसुनाई करवानी पड़ी।
कमाल तो तब हो गया जब आंशिक विरोध को दरकिनार कर इस उद्योग के आसपास के ग्रामीण उद्योग के विस्तार के पक्ष में एकतरफा खड़े हो गए। बतलाया जा रहा है कि कोटमार,लोइंग,महापल्ली,शकरबोगा,मनुआपाली आदि गांवों के लगभग 1 हजार ग्रामीणों ने विस्तार की सहमति पर मुहर लगाकर विस्तार का विरोध करने वालो के मुंह पर ताला लगा दिया। ग्रामीणों का मानना है कि जहां विनाश होगा,विकास भी वहीं पर होगा। इंड सिनर्जी के विस्तार होने से उत्पादन बढ़ेगा। जिसके लिए मैनपावर की आवश्यकता होगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे,बेरोजगार ग्रामीणों को काम मिलेगा जिससे उनका जीवन स्तर ऊपर उठेगा। गांवों में चहल पहल बढ़ेगी,गांवों के बाजारों में रौनक बढ़ेगी,व्यवसाय बढ़ेगा। क्षेत्र का नाम ओद्योगिक के रूप में जाना-पहचाना जाएगा।
इंड सिनर्जी के तीनों मालिक धनकुबेर होने के बावजूद बहुत साधारण इंसान है। दिन दुखियों,गरीबो,समाजसेवा के लिए इनके हाँथ हमेशा खुले रहते है। किसी की भी मदद करने से ये लोग कभी पीछे नही हटते।