
@टिल्लू शर्मा🖋️टूटी कलम डॉट# अभिनेत्री महिमा चौधरी काफी वक्त से बड़े पर्दे से दूर है। हालांकि इस बीच वह अपने इंस्टाग्राम पर काफी सक्रिय रहती हैं। अब महिमा चौधरी ने अपने एक इंटरव्यू में बॉलीवुड को लेकर कई सारी बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड में पहले मेकर्स वर्जिन एक्ट्रेस चाहते थे। लेकिन अब इंडस्ट्री बदल रही है। महिमा बॉलीवुड में महिला अभिनेत्रियों के प्रति हो रहे बदलाव को लेकर भी राय रखी है। महिमा ने पहले के वक्त में अभिनेत्रियों के साथ होने वाली असमानता पर भी बात की है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री अब उस स्तर पर जा रही है, जहां महिला अभिनेत्रियों को अच्छा मौका दिया जा रहा है। उन्हें बेहतर पेमेंट्स और एंडोर्समेंट मिल रही है और वे बहुत पावरफुल पॉजिशन में है। उनके पास पहले से ज्यादा लंबी और अच्छी जिंदगी है।टूटी कलम

महिमा ने मौजूदा वक्त में इंडस्ट्री में हो रहे बदलावों के बारे में कहा कि इस वक्त लोग महिला अभिनेत्रियों को तरह-तरह के रोल्स में स्वीकार कर रहे हैं। जबकि उनके समय में उन्हें अपनी निजी जिंदगी को करियर के खातिर छिपाकर रखना पड़ता था। उस वक्त अगर आप किसी के साथ डेट कर रहे होते थे, तो लोग आपको फिल्म से बाहर रख देते थे, क्योंकि उन्हें सिर्फ वर्जिन लड़कियां चाहिये होती थीं, जिन्होंने कभी किस तक नहीं किया हो। टूटी कलम

महिमा चौधरी ने कहा, अगर उस वक्त आप किसी को डेट कर रहे होते थे, तो यह ऐसा था, ‘ओह! वह डेटिंग कर रही है! अगर आप शादीशुदा थे, तो भूल जाइए, आपका करियर खत्म हो गया और अगर आपके बच्चे थे, तो फिर तो बिल्कुल खत्म हो गया समझो। गौरतलब है कि महिमा चौधरी का शुरुआती करियर तेजी से आगे बढ़ा था लेकिन उतनी ही जल्दी वह फिल्मी पर्दे से दूर भी हो गईं। टूटी कलम

माही ने कहा कि सिर्फ अभिनेत्रियां ही नहीं बल्कि अभिनेता भी पहले अपनी पसर्नल लाइफ के बारे में बहुत कुछ छिपाते थे। फिल्म के रिलीज होने के बाद या फिर सालों बाद उनकी पसर्नल लाइफ के बारे में पता चलता था। अब रिलेशनशिप स्टेटस यह तय नहीं करता है कि आपको करियर जारी रखना है या पर्सनल लाइफ को चुनना है। टूटी कलम

चौधरी ने कहा कि अब अभिनेत्रियों को अलग-अलग रोल में स्वीकार किया जा रहा है। जबकि पहले ऐसा नहीं था। पहले अगर आपने मां का रोल कर लिया तो आपको फिर कोई और रोल जल्दी नहीं मिलता था। महिमा चौधरी की पहली फिल्म परदेस 1997 में रिलीज हुई थी। टूटी कलम
