✒️ टिल्लू शर्मा टूटी कलम दिल्ली समाचार संसद में पेश किये गये बजट को केंद्र सरकार की तरफ से अगले 25 साल का ब्लूप्रिंट बताया गया है। सरकार ने अगले 25 साल को ‘अमृत काल’ करार दिया है। बजट को लेकर कहा गया है कि यह अगले 25 सालों में आर्थिक सुधार के लिए एक आधार के रूप में काम करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा ‘अमृत काल’ का जिक्र किये जाने के बाद अब कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इसपर तंज कसा है। टूटी कलम
शशि थरूर ने उर्दू के अजीम शायरों में से एक मिर्जा गालिब की लिखी लाइनें अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। शशि थरूर ने ट्विटर पर लिखा, आह को चाहिए इक उम्र असर होने तक, कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक?!’ इसके अलावा कांग्रेस नेता ने ‘#AmritKaal #2047’ का भी इस्तेमाल अपने ट्वीट में किया है। टूटी कलम

इससे पहले इस बजट को लेकर शशि थरूर ने कहा था कि यह तो गीले पटाखे जैसा था। इसमें कुछ भी नहीं था। मनरेगा, डिफेंस जैसी चीजों के बारे में कुछ नहीं बताया गया। आम लोगों के लिए कोई टैक्स रिलीफ नहीं दी गई। आखिर इसमें जनता के लिए क्या है। टूटी कलम
बता दें कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में पेश किए गए वर्ष 2022-23 के आम बजट को ”अमृत बजट” करार दिया और कहा कि यह आम आदमी की आकांक्षाओं के अनुरुप है। चौबे ने एक बयान में कहा, ”आजादी के अमृत महोत्सव के बीच का यह अमृत बजट है और यह आम आदमी की आकांक्षाओं के अनुरूप है।” टूटी कलम
उन्होंने कहा कि ”आत्मनिर्भर भारत” बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने वाला यह बजट सबका साथ, सबका विश्वास के मूल मंत्र पर आधारित है क्योंकि बजट में महिलाओं, युवा, किसानों, लघु उद्यमियों, व्यापारियों सभी का ख्याल रखा गया है।” उन्होंने कहा, ”कोरोना की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अन्य देशों की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत रही। इस बजट से अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी तथा विकास को और गति मिलेगी।” टूटी कलम
पीएम ने किया था ‘अमृत काल’ शब्द का इस्तेमाल
‘अमृत काल’ शब्द का इस्तेमाल इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बीते साल अक्टूबर में किया था। पीएम ने इस शब्द का इस्तेमाल एक खास संदर्भ में किया था। पीएम मोदी ने देश के अगले 25 वर्षों को ‘अमृत काल’ करार देते हुए कहा था, ‘हम इन दिनों आजादी के अमृत महोत्सव का जश्न मना रहे हैं। अगले 25 वर्षों में ‘अमृत काल’ के दौरान आत्मनिर्भर भारत के लिए जो संकल्प लिए गए हैं देश उन संकल्पों को हासिल करने के लिए आगे बढ़ेगा। आज हम ‘गुड गर्वनेंस’, ‘प्रो-पीपुल प्रो एक्टिव गवर्नेंस’ को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’ टूटी कलम









