✒️ टिल्लू शर्मा टूटी कलम रायगढ़…… अति विश्वशनीय ख़बरितन्त्र यह बतलाते है कि रायगढ़ जिले के सबसे व्यवसायिक एवँ धनकुबेरों की धार्मिक नगरी खरसिया अब पहले वाला भाईचारे,सुख दुख के साथी वाला खरसिया नही रह गया. जिसका एकमात्र कारण है उद्योगों की स्थापना,बाहरी लोगों का आवागमन,मजदूर वर्गों की संख्या में बढ़ोतरी होना है। खरसिया शहर के किसी भी क्षेत्र में जाने पर यह महसूस नही होता कि यह वही खरसिया है। जिसकी भूमि पर अविभाजित मध्यप्रदेश के दो योद्धाओं स्व.कुंवर अर्जुन सिंह,स्व.दिलीप कुमार सिंह जूदेव ने प्रतिष्ठापूर्ण चुनावी युद्ध लड़ा था। जिस वजह से खरसिया का नाम देश के सभी राजनीतिक लोग जान गये थे। इसी चुनाव के कुशल संचालन की वजह से स्व.अजीत जोगी भी राष्ट्रीय स्तर के नेता बने थे।उक्त चुनाव में साम,दाम,दंड,भेद,धनबल,बाहुबल,सरकारी मशीनरी का उपयोग देखने को मिला था। जो शायद अब इस जन्म में देखे जाने की संभावना ही नही है। टूटी कलम
यही खरसिया अब चरसिया बनने की ओर अग्रसर है। जिसका भी एकमात्र कारण है और वह है कोरोनकाल। जिसकी वजह से अंतराष्ट्रीय आर्थिक मंदी का दौर चल पड़ा है। ऐसे में कमाई करने के कई तरीके सामने आ गए। बिगड़ैल रईसजादे से लेकर दिहाड़ी मजदूर तक गाँजा,शराब,क्रिकेट का सट्टा, मुम्बई,कल्याण,राजधानी, भूतनाथ के नम्बर वाले सट्टे पर अपने बाप,दादाओ,ताऊ,चाचा के द्वारा खून पसीने से संचित गाढ़ी कमाई को छपरीगंज के पास किसी चीक्की नाम के सट्टा खाईवाल को दे आ रहे है। चीक्की के सम्बंध में सूत्रों ने बतलाया कि उक्त व्यक्ति पिछले कई वर्षों से सट्टा खिलवाने का कार्य कर रहा है। जिसे पहले एक मामूली पट्टीबाज बतलाया जाता था परन्तु 10 के 10 अंक स्वयं के होने की वजह से इस गैरकानूनी धंधे के कारण वह खाखी के संरक्षण में इतना अधिक फलफूल गया कि छपरीगंज के अतिरिक्त पुरानी बस्ती,रायगढ़ चौक पर भी इसने आलीशान सर्वसुविधायुक्त लग्जरियस आफिस बना ली है। आफिस इतने हाईटेक बतलाये जा रहे है कि यदि चारो दिशाओ से कोई उच्चाधिकारी आते जाते दिखलाई पड़ जाते है तो तुरंत कम्प्यूटर से पेनड्राइव,मोबाइल से लेनदेन गायब कर सीधे साधे व्यवसाई बनकर बैठ जाते है। टूटी कलम क्रमशः
