✒️ टिल्लू शर्मा टूटी कलम रायगढ़ …..हमे हिन्दू संस्कृति के विषय मे बचपन से ही पढ़ाया एवँ सिखलाया जाता है कि किसी की अंतिम संस्कार में शामिल होकर कब्रिस्तान, श्मसान,मरघट से लौटने पर पूरे लिबास को जल में डुबाकर शरीर की शुद्धिकरण के पश्चात ही अन्य कार्य किये जाने चाहिए। यहां तक कि बगैर नहाये, धोये किसी भी वस्तु को स्पर्श करने की मनाही है। यदि गलती से किसी चीज को छू लिया जाता है तो उसकी भी शुद्धिकरण करना हमारा धर्म शास्त्र कहता है। टूटी कलम
मरघट से लौटने पर स्नान करने के धार्मिक एवं वैज्ञानिक कारण माने जाते है। जिसका पालन करना हर सनातन धर्म मानने वालों को होता है। जो माने तो ठीक जो न माने तो ठीक है परन्तु जानकार लोग इसे उचित नही मानते टूटी कलम




