✒️टिल्लू शर्मा टूटी कलम रायगढ़……. जैसे जैसे छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे है। वैसे वैसे प्रदेश की कांग्रेस सरकार “ऊंट के मुंह मे जीरा” देने सरीखे योजनाओं को बगैर राशि आबंटन के निर्माण कार्य करवाने की घोषणा कर आमजनता को लॉलीपाप थमाने का झांसा देने में लग गई है। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष भूपेश बघेल की आक्रमक शैली के ख़ौफ से मुंह सिले बैठी है।शायद इसलिए कि भाजपाइयों को भी यह एहसास हो चला है कि आगामी 11 वर्षो तक वे कांग्रेस के आगे नही टिक पायेगी। “आम आदमी की पार्टी” की झाड़ू प्रदेश में चलकर 2 रे नम्बर की पार्टी बनकर उभर सकती है। प्रदेश की जनता भी दिल्ली वालों को मिलने वाली “आप” के द्वारा दी योजनाओं का लाभ उठाना जरूर चाहेगी। टूटी कलम
नायक बन सकते है खलनायक…विधानसभा के लगातार 2 सत्रों में रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक ने जिस बेबाकी से प्रश्न पर दागकर अपनी ही पार्टी कर मंत्रियों को सवालों के घेरे में खड़े कर मौन करवा दिया। जनहित पर उठाये गए प्रश्नों के कारण आगामी विधानसभा चुनावों में नायक की विधायकी टिकट पर खतरे का खंजर जरूर लटक गया है। सरकार को भी एहसास हो गया कि बेबाकी से प्रश्न उठाने वाला तेजतर्रार, युवा विधायक यदि दूसरी बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच जाएगा तो कांग्रेस सरकार की बखिया उधेड़कर रख देना। हो सकता है कि सरकार प्रकाश की टिकट इस बार खतरे में पड़ जाये और विकल्प तलाशा जाये टूटी कलम
विधायक नायक की नही सुनते अधिकारी,पार्षद, महापौर, सभापति….एक विधायक होने के बावजूद आलाकमान के आदेश होने के कारण नायक छोटे छोटे कार्य करवाने की जद्दोजहद करते नजर आते है।निगम,पंचायत,आदि के अतिरिक्त सरकारी विभागों में भी उनके मार्फत भेजे गए कार्यो को तवज्जो तक नही दी जाती। स्थानीय स्तर पर होने वाले सरकारी कार्यक्रमो में भी मंत्री को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है ताकि नायक इसका विरोध न कर केवल मंचासीन हो सके। टूटी कलम
शहर की जनता बदलाव प्रेमी भी है…शहर की जनता पिछले कई वर्षों से बदलाव प्रेमी बन चुकी है। स्व.डाक्टर शकराजित नायक,फिर विजय अग्रवाल,फिर स्व.डाक्टर नायक,फिर स्व.रोशनलाल फिर प्रकाश नायक,इस बार कौन पर लोग सशंकित है। इसी तरह महापौर जेठूराम फिर महेंद्र चौथा,फिर मधुबाई,फिर जानकी काटजू अगली बार कौन ? इसी तरह निगम सभापति सुरेश गोयल,फिर शेख सलीम नियरिया,फिर सुभाष पांडेय,फिर जयंत ठेठवार अब अगली बार कौन ? जब शहर की जनता मजाक ही मजाक में एक किन्नर को महापौर बना सकती है तो वह इस बार झाड़ू भी चलाने से पीछे नही रहने वाली है। वैसे भी भाजपा के लिए प्रत्याशी चयन करना “भूसे में सुई ढूंढने समान माना जा रहा है। टूटी कलम
कांग्रेस के पदाधिकारियों, पाषदो का ज्यादा बुरा हाल है…..अगर धरातल पर उतरकर देखा जाये तो कांग्रेस के पदाधिकारियों की बातें जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद पंचायत अध्यक्ष,महापौर,कोई भी अधिकारी न मानते है और सुनते है। केवल नोटिस का झुनझुना जारी कर नायक के समथकों को खुश कर देते है। इन सबके कारण कांग्रेस में बगावत के सुर उठने लगे है। अपनी सुनती न देख जिला कांग्रेस कमेटी (शहर) के सचिव ऊर्जावान एवँ कांग्रेस समर्पित आशीष शर्मा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का सोशल मीडिया पर विचार व्यक्त किया था। वहीं कांग्रेस में शामिल हुई और वार्ड क्रमांक 25 से निर्वाचित हुई सपना सिदार अपने वार्ड में व्यापक रूप से हो रहे अतिक्रमण को लेकर कांग्रेस से अच्छी खासी नाराज है। जो की निगम की सामान्य सभा की बैठक में स्पष्ट रूप से दिखलाई दिया। टूटी कलम
