™️ पुलिस का नाम सुनते ही लोगो की मानसिकता बदल जाती है ™️ रिश्वत लेने, गाली गुफ्तार करने,बेवजह लोगो को परेशान करने की छवि मन मस्तिष्क पर छा जाती है ™️ जबकि पांचों अंगुलिया बराबर नही होती है ™️ कडकमिजाजी,कर्तव्यनिष्ठ होने के साथ संवेदनशील भी है रायगढ़ कोतवाली थाना प्रभारी ™️ जिनकी कार्यशैली,पीड़ित मानवता के काम आने की वजह से उपलब्धियो से लबालब है ™️
⭕️ टिल्लू शर्मा ✒️ टूटी कलम रायगढ़ ……..सिटी कोतवाली रायगढ़ पुलिस ने मानवता की एक बड़ी मिसाल पेश की है।मिली जानकारी के अनुसार कोतवाली थाना प्रभारी मनीष नागर शासकीय कार्य के सिलसिले में जिला अस्पताल गए थे । जहां उन्हें 02 बच्चे रट,सुबकते मिले। उनसे पूछे जाने पर उन्होंने कोतवाल से लिपटते हुए बतलाया कि उन पिता का देहांत 02 वर्ष पूर्व हो गया था एवं उनकी मां का निधन लम्बी बीमारी से जूझते हुए 02 दिन पहले हो गया है। उनके पास क्रियाकर्म के लिए ना ही कोई रिश्तेदार,सगे सम्बन्धी,जान पश्चात वाले सामने आ रहे है और ना ही उनके पास रुपये आदि है। जिस वजह से उनकी मां का शव अस्पताल के मर्चुरी में ही है।दोनों बच्चों की दशा देखकर वहां खड़े लोगों के साथ खाखीवालों को भी अंदर तक झकझोर दिया । टीआई नागर बच्चों को दिलासा देकर बोले कि “शव का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया जावेगा और तुम दोनों (बच्चों) के रहने का उचित प्रबंध किया जायेगा।। जिसके तत्काल बाद टीआई अपने स्टाफ को मुक्तिधाम तक शव ले जाने वाहन की व्यवस्था करने को कहे। टीआई और उनके स्टाफ भी शव वाहन के साथ कयाघाट मुक्तिधाम पहुंचे । पुलिस के इस नेक कार्य की जानकारी पर कुछ समाजसेवी आगे आये। महिला के हिंदू होने के कारण महिला के बेटे से हिंदू रीति रिवाज के अनुसार महिला का अंतिम संस्कार करवाया गया। शव के अंतिम संस्कार के बाद महिला के दोनों बच्चों को देखभाल के लिये चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया गया है । कोतवाली पुलिस के इस नेक कार्य की पूरे शहर एवँ पुलिस विभाग में भूरी भूरी प्रशंसा हो रही है। इस मानवीय सेवा को निभाने सिटी कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक मनीष नागर के साथ उनके थाने के स्टाफ मौजूद रहे। टूटी कलम







