कोविड 19 को लेकर जितने गंभीर जिला दंडाधिकारी यशवंत कुमार पुलिस कप्तान संतोष कुमार सिंह है,उतने गम्भीर इनके मातहत नही है। अपने से नीचे कर्मियों की सफलता का श्रेय तो कोई शहर के थानेदारों से सीखे जो अपने मातहतो की सफलता को अपनी सफलता बताकर जबरन दबंग, धाकड़,सिंघम,राउडी राठौर बनने का प्रयास कर प्रमोशन की जुगाड़ में लगे रहते है। सुबह 4 बजे से अपनी ड्यूटी निभाने का बहाना कर जबरिया थकान का बहाना कर सांत्वना प्राप्त करने के गुंटाडे में ही पूरा दिन अपने कालोनी के फ्लैट में गुजर देते है।पुलिस अधीक्षक के आने की सूचना मुखबिरों से प्राप्त कर आनन फानन में वर्दी लगा,शरीर पर पानी छींट कर हाजिर होने वाले थानेदार कतई ईमानदार नही हो सकते। अपने मातहतो के द्वारा जप्त की गई सैकड़ो शराब की बोतलों को 33 पाव बतलाना ईमानदार अधिकारी की पहचान नही हो सकती। सेटिंग करके मामले को झुठलाया नही जा सकता। शराबों की जप्ती पर अपना श्रेय लेने की पोल खुलने में देर नही लगती। उप निरीक्षक की कार्यवाही को अपनी कार्यवाही बतलाने वालो का कच्चा चिट्ठा सबूत सहित हमारे पास है। जिसका खुलासा देर सबेर विस्तृत रूप से किया जायेगा।