रायगढ़—- आज लाकडाउन में ढिलाई देने के दुष्परिणाम पूरे शहर में परिलक्षित हुए।जिससे आंखे मूंदे अधिकारी,कर्मचारी भी दूर से देखते रहे। एक दुपहिया पर 3 पुलिस कर्मी तो चार पहिया में सेठ,साहूकार परिवार सहित घूमते दिखे ।एम्बुलेंस की आड़ में 6-8 लोग यातायात की धज्जियां उड़ाते दिखे। जोमैटो, स्विगी वाले चिकन बिरयानी बेचते दिखे। मगर छोटे व्यापारी ठेले,गुमटियां वाले राशन के लिए निगम में भटकते दिखे। यदि बड़ी होटलो को ऑनलाइन सुस्वादिष्ट भोजन बेचने की छूट दी जा रही है तो ठेले,गुमटियों वालो को भी बड़ा,भजिया,समोसा,इडली,डोसा,चाट,गुपचुप बेचने की इजाजत सोशल डिस्टेंगसिंन, मास्क,सेनेटाइजर के नियम के दायरे में रखकर दे देनी चाहिये।ग्रीन जोन में रेड जोन से आकर आबकारी मंत्री लाव-लश्कर सहित कोई ठोस कारण न बता सके तो केवल गरीबो को तंग करना वाजिब नही कहा जा सकता। फैसला सरकार का कानून सरकार का मगर भेदभाव से परे नही।