💣टिल्लू शर्मा ✍️टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिले के सर्वाधिक विवादित ठेकेदार अनिल केडिया का विवादों से पुराना नाता रहा है। इस पर उचित कार्रवाई ना होने की वजह से इस ठेकेदार की हिम्मत इतनी बढ़ गई कि उसके द्वारा रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र के वार्ड के अंदर गोवर्धनपुर में क्रिश्चियन एवं आदिवासी समाज के सैकड़ों वर्ष पुराने कब्रिस्तान पर अपनी निजी बुलडोजर चलवा कर वहां बनी समाधियो एवं लगे सालिबो को उखाड़ फेंका और अवैध कॉलोनी निर्माण के लिए सार्वजनिक शमशान को समतल करवाने का प्रयास किया गया। तब वार्ड के जागरूक लोगों ने इसका विरोध करते हुए बुलडोजर को अपने चंगुल में लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय जा पहुंचे। लोगों ने बताया कि उनके द्वारा अनिल केडिया के उक्त कार्य की जानकारी डायल 112 को कई दफे देकर सूचित किया गया एवं उनसे मौके पर पहुंचने का निवेदन किया गया किंतु डायल 112 के वाहन के ना पहुंचने की वजह से वार्ड वासी उद्धेलित होकर एकजुट होते हुए कार्य को रुकवाकर बुलडोजर सहित एसपी ऑफिस जा पहुंचे थे। जहां उन्हें जांच के उपरांत मामला दर्ज करने का आश्वासन दिया गया था।
इस अति संवेदनशील मामले की जांच जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के द्वारा करवाई गई एवं गोवर्धनपुर वासियों के विरोध एवं आपत्ती को सही पाया गया। जिसके बाद अनिल केडिया पार धारा 295 एवं धारा 297 का मामला दर्ज कर इतिश्री कर ली गई। जबकि यह मामला अति संवेदनशील है एवं लोगों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने का कृत्य है। इस तरह के कृत्य की वजह से आपसी सौहार्द्र बिगड़ने एवं दंगा भड़कने की पूरी संभावनाएं होती है। गंभीर और गैर जमानती धारा लगने के उपरांत अनिल केडिया की गिरफ्तारी निश्चित रूप से हो सकती है। यदि इसमें पुलिस के द्वारा नरम रुख अख्तियार नहीं किया गया तो अनिल केडिया की अग्रिम जमानत याचिका संभवत उच्च न्यायालय के द्वारा अस्वीकृत कर दी जा सकती है।


यदि ऐसे मामले में भी आरोपी को बक्श दिया जाए तो फिर कानून की धाराओं को बनाने का कोई औचित्य ही नहीं होगा।
सस्ती लोकप्रियता हासिल करने वाले तथाकथित नेता एवं नेत्रियां कहां जा छुपे हैं कुछ माह पूर्व नगर निगम के द्वारा भगवान शिव को बेजा कब्जा हटाने की नोटिस जारी कर दी थी। जिस पर विपक्ष के नेताओं एवं महिला नेत्रियों ने निगम का घेराव कार अपना विरोध प्रकट कर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास किया गया था जबकि किसी के द्वारा किसी वर्ग विशेष के शमशान घाट को उजाड़ने वाला कृत्य बहुत बड़ा अपराधिक कृत्य माना जाता है। इस कृत्य की लपट पूरे देश में फैल जाने पर देश हिंसा की आग से जल उठ सकता है। इस कृत्य पर भाजपा एवं कांग्रेस का मौन रहना एवं आरोपी को समर्थन प्रदान करना किसी भी रूप में उचित नहीं माना जा सकता। यही कृत्य एक वर्ग विशेष के द्वारा किया जाता तो अब तक उक्त कांड की गूंज रायपुर,दिल्ली एवं लखनऊ तक जा पहुंचती। जहां से अब तक निंदा एवं आरोपी पर कड़ी कार्रवाई करने , किसी भी रूप में नहीं बख्शने के प्रस्ताव जारी हो चुके होते ।







