रायगढ़—- वैश्विक बीमारी महामारी करोना 19 ने दुनिया में पैर पसार रखे हैं। इससे अछूता हमारा प्रदेश छत्तीसगढ़ भी नहीं है ।मगर बहुत ही बड़ी उपलब्धि है कि कलेक्टर यशवंत कुमार पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह की अथक मेहनत का परिणाम है कि रायगढ़ शहर, रायगढ़ जिला में कोरोना ने अब तक दस्तक नहीं दी है । इस भयावह महामारी की आड़ में कई तथाकथित समाजसेवी अपनी राजनीति रोटी सेकने एवं अपनी दुकानदारी बरकरार रखने,चमकाने के लिए सुई का दान कर सब्बल का दान करना मीडिया के माध्यम से जाहिर कर रहे है। लाकडाउन में जिला प्रशासन को दान में मिली वस्तुओं का झोला शासन एवं निगम से जबरन हथिया कर अपने नाम से बांटने का दुष्प्रचार भी कर रहे हैं । ऐसे तत्वों की इस समय भयंकर बाढ़ सी आ गई है हर गली हर मोहल्ले में एक दो समाजसेवी रोज पनप रहे हैं जो 1 कार्टून पानी की बोतल लेकर पूरे शहर में भ्रमण कर अपने आपको दानवीर कर्ण से कम नहीं समझ रहे हैं ₹50 की 100 पैकेट बिस्कुट लेकर पुलिस वालों को बांट देना ही अपनी शान समझ रहे हैं ₹500 की पेटीज लेकर लग्जरी कारों में घूम रहे तथाकथित समाजसेवियों का भूतकाल देखा जाए तो सच्चाई सामने आ ही जाती है जिससे मुंह नहीं मोड़ा जा सकता । महज अधिकारियों के बीच अपनी पैठ बनाकर अपने गलत व्यवसाय को बढ़ावा मिलने अपना उल्लू सीधा करने की आस में छोटा-मोटा दान कर बड़े बड़े अखबारों में छोटी-छोटी फोटो धन दे कर छपवा लेते हैं अपने चाटुकार लोगों के माध्यम से समाचार लगाते हैं। अगर वास्तव में इस संकट के समय किसी दानवीर किसी समाजसेवी का नाम इज्जत से लिया जाए तो वह एकमात्र है जिला पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह जो कि रोजाना सुबह 8 बजे लगभग 300 पैकेट नाश्ते के एवं लगभग डेढ़ सौ पैकेट भोजन के दोपहर में रक्षित इस्पेक्टर अमरजीत खूंटे के माध्यम से चौक चौराहों पर ड्यूटी कर रहे, पसीना बहा रहे, लू के थपेड़े सह रहे पुलिसकर्मियों को बंटवा रहे है। जिसकी भनक उन्होंने आज तक किसी को नहीं लगने दी और नही किसी मीडिया वालों को जाहिर होने दी। सुबह का नाश्ता एवं दोपहर का भोजन पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह के निर्देशन पर रक्षित निरीक्षक अमरजीत खूंटे पुलिस लाईन उर्दना में ही तैयार करवा कर पैक करवा कर वाहन के माध्यम से सभी चौक चौराहों पर ड्यूटी कर रहे पुलिस के जवानों को अपने मातहतों के द्वारा भिजवा रहे हैं।
अब यदि इतने लोगों का प्रतिदिन का नाश्ता एवं भोजन का खर्च जोड़ा जाए तो अच्छे-अच्छे समाजसेवियों एवं दानवीरो को पसीना छूट जाएगा। यह तो अभी चल ही रहा है और न जाने कब तक चलेगा इस पर कोई निर्णय फिलहाल किसी के पास नही है


