🌀टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम रायगढ़ … औद्योगिक नगरी रायगढ़ शहर दिनों दिन बिहार की तर्ज पर अपराध की नगरी बनती जा रही है. जिसका पहला कारण महामारी करोना के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति दांवाडाल होना है। तो दूसरी स्थिति बढ़ती हुई महंगाई बेरोजगारी और शीघ्र अमीर बनने के सपने हैं। तीसरी स्थिति को नशे का कारण माना जा सकता है। नशे के कारण युवा वर्ग कुछ भी कर कर गुजरने को तैयार हो जाता है.

पिछले सप्ताह एक्सिस बैंक में हुई करोड़ों की बैंक डकैती की सफलता का जश्न पूरा नहीं हुआ था की किन्हीं अज्ञात तत्वों के द्वारा बैंक आफ बडौदा से आहरण किए गए ९ लाख रुपए की उठाईगिरी की शिकायत मिलने पर सदानंद कुमार के आदेश के बाद नगर पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय उपाध्याय कोतवाली थाना प्रभारी सनिप रात्रे दलदल सहित केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड स्थित बैंक ऑफ़ बड़ोदा रायगढ़ की ब्रांच पहुंचे और मामले की विवेचना शुरू कर दी गई। मामला अत्यंत संदिग्ध होने पर बैंक के अतिरिक्त आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। जिसमे दो मोटरसाइकिल पर सवार चार युवक जाते दिखलाइए दिए। जिनकी पतासाजी के लिए पुलिस हालाकान हो रही है। पुलिस डायरी के अनुसार मामला कुछ इस प्रकार से है
● सुबह करीब 11.00 बजे मनोज कुमार डड़सेना, सुपरवाइजर, जय मां नाथल दाई क्रेशर उद्योग टिमरलगा चंद्रपुर उसके क्रेशर मालिक मनीष अग्रवाल द्वारा दिये गये 9 लाख रूपये के सेल्फ चेक को कैश कराने केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड के पास स्थित बैंक ऑफ़ बड़ौदा आया था । बैंक से चेक का आहरण कर मनोज रूपयों को अपने मोटरसाइकिल के डिक्की पर रख कर केवड़ाबाड़ी चौक की ओर जा रहा था, तभी चौक पर ट्रैफिक जाम के बीच अज्ञात व्यक्तियो द्वारा डिक्की से रूपये निकाल लिये । घटना की सूचना पर तत्काल कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची । पीड़ित से पूछताछ, प्रारंभिक जांच एवं घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी फुटेज चेक करने पर 2 होंडा यूनिकॉर्न बाइक पर सवार 4 अज्ञात व्यक्तियों द्वारा मनोज डडसेना का पीछा कर घटना को अंजाम दिए जाने की संभावना है। एसएसपी श्री सदानंद कुमार द्वारा सभी थाना प्रभारियों को नाकेबंदी कर अज्ञात आरोपियों की पतासाजी का निर्देश दिया गया है, पुलिस टीमें माल-मुल्जिम की पतासाजी में जुट गई है
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उक्त घटना गले से नीचे उतरने वाली नही है.क्योंकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मनोज की मोटर साइकिल की डिक्की में लाक नहीं लगा था एवम वह बैंक ऑफ़ बड़ौदा से राशि आहरण करने के पश्चात रुपए को डिक्की को रखकर एटीएम में चला गया और उसके बाद निकल कर बगल के बैंक स्टेट बैंक में चला गया था। जिसके बाद वह मोटरसाइकिल से चल पड़ा. आगे जाने पर वह ट्रैफिक जाम में फंस गया और उसका फायदा उठाते हुए होंडा यूनिकॉर्न बाइक में सवार लोग आते हैं और उसकी बाइक की डिक्की से रुपए निकाल कर भाग जाते हैं। अब यह प्रश्न खड़ा होता है कि यदि मनोज ट्रैफिक जाम में फंस गया था तो राहजनी करने वाले ट्रैफिक जाम से कैसे निकल भागे ? जाम का अर्थ होता है आगे भी जाम और पीछे भी जाम तो फिर बाइक सवार लुटेरे जाम से कैसे निकल भागे ?
संदेह के बारे में है प्रेशर का सुपरवाइजर मनोज डनसेना. रायगढ़ पुलिस यदि गहराई से जांच पड़ताल करें तो इस मामले में मनोज की भूमिका सामने आ सकती है. लूटेरो को यह कैसे मालूम हुआ कि मनोज 9 लाख नगद राशि लेकर बैंक से निकलेगा और उसकी डिक्की में लाक नहीं लगा होगा. लुटेरे यातायात जाम की स्थिति में आसानी से कैसे निकल भागे. बरहाल रायगढ़ पुलिस मामले की विवेचना में जुट गई है।