🌀 टिल्लू शर्मा ✒️ टूटी कलम रायगढ़ .. जागो राखे साइयां मार सके ना कोई यह पंक्ति कल उस समय पूरी तरह से खरी उतरी जब लगभग रात्रि 7:30 बजे एक कार रायगढ़ के केलो नदी पर बने. भरे हुए चक्रपथ मार्ग से होती हुई पानी से लबालब केलो नदी में उतर गई थी। पानी में उतरते ही पिछली सीट पर बैठी अज्ञात अनजान महिला के द्वारा दरवाजा खोलकर बाहर की ओर छलांग लगा दी और तैरकर बाहर निकल आई. पूरी घटना का वीडियो किसी के द्वारा बना लिया गया था. जिसको गहराई से देखने पर लग रहा है कि जिस जगह महिला ने छलांग लगाई थी वहां पानी बहुत कम था. फिर महिला को नदी किनारे बैठे कुछ युवकों के द्वारा अपने हाथों का सहारा देकर बाहर लाया गया और बैठा दिया गया. जिसके बाद में युवकों का ध्यान पानी में डूब रही कार की तरफ भटक गया। जिसका फायदा उठाते हुए महिला नौ दो ग्यारह हो गई. जिसकी पहचान अभी तक नहीं की जा सकती है. नदी में का र बहने का समाचार वायरल होते ही लोगो का हुजूम घटनास्थल पर उमड़ पड़ा. सूचना पाकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय महादेवा, नगर पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय, धर्मजयगढ़ एस डी ओ पी दीपक मिश्रा, चक्रधर नगर थाना प्रभारी प्रशांत राव अहेर,लोमेश राजपूत, सतीश पाठक,सुशील यादव,आदि सहित पुलिस बल मौके पर पहुंच गए थे. पुलिस अधीक्षक के आदेश के बाद गोताखोरों एवम एस डी आर एफ की टीम को बुलवाया गया और मोटरबोट,लाइफ सेविंग जैकेट पहनकर सर्च लाइट से एसडीआरएफ टीम के द्वारा डूबी हुई कार को खोजने का काफी प्रयास किया गया. मगर नदी के तेज बहाव,अंधेरा होने की वजह से सफलता हाथ न लगी. कल जिस स्थान एस डी आर एफ टीम के द्वारा फेंके गए कांटा फंसा था.आज उसी स्थान से डूबी हुई कार को सुबह 8:00 बजे केलो का जल स्तर कम होने पर निकाला गया. कार के भीतर पिछली सीट पर कैपरी,टी शर्ट पहने एक अधेड़ का शव पाया गया. जिसकी पहचान उपस्थित लोगो के द्वारा मिट्टी तेल,बायोडीजल,कीट नाशक,यूरिया खाद,जमीनों आदि के माध्यम से करोड़ों रुपए कमाने वाले कलर प्लस के मालिक नटवरलाल अग्रवाल के रूप में की गई.
कार में कुल कितने लोग सवार थे ? जान बचाकर भागने निकली महिला किस सभ्रांत परिवार की थी ? आखिर जल भरे हुए चक्रपथ से कार दौड़ाते हुए निकालने की हड़बड़ी क्यों थी ? कार सवार कहां से आ रहे थे और कहां जा रहे थे ? महिला को हाथ पकड़ कर बाहर निकालने वाले युवक कौन थे ? क्या कार में मिला मृतक शराब पिए हुए था ? क्या कार का पीछा किसी के द्वारा किया जा रहा था ? इन सब प्रश्नों का उत्तर स्वयं की पीठ थपथपाने वाली रायगढ़ पुलिस को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया के सामने देना होगा
हादसा या साजिश… कल हुई घटना रायगढ़ के इतिहास में अपने तरह की एक अलग घटना है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक नटवरलाल मोटा चश्मा लगाया करता था जिसे कम दिखाई देता था. वह कभी भी बगैर ड्राइवर के कहीं नहीं जाया करता था और न स्वयं ड्राइविंग किया करता था. ऐसे मे यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि वह इतना बड़ा खतरा कैसे मोल ले सकता था.
मीडिया एवं मंजुल दीक्षित, महाराज दल ने डाला था कैंप… घटना की जानकारी मिलने के बाद वेब पोर्टल न्यूज़ मीडिया के अतिरिक्त शहर के रॉबिनहुड कहलाने वाले मंजुल दीक्षित एवं उनके महाराज दल के लोगो द्वारा के द्वारा देर रात तक नदी में डूबी कार के न निकलने की वजह से पंजीरी प्लांट मरीन ड्राइव नदी के किनारे फुटपाथ पास चटाई बिछाकर पूरी रात गुजारी दी, सुबह जब नदी का जल स्तर कम हुआ तब सब लोगों के द्वारा काफी मेहनत मशक्कत के बाद कार को नदी से निकाला गया. कुछ वेब पोर्टल न्यूज वाले भूपेश बघेल की आम सभा में शामिल होने के लिए जबरिया रात काली कर दिए क्योंकि उन्हें आम सभा स्थल में जल्दी पहुंचकर सामने बनाई गई पत्रकार दीर्घा हेतु लगाई गई कुर्सियों पर अपना कब्जा जमाना मात्र था. ताकि वे जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन की नजरों में बड़े पत्रकार कहलाये जा सके.
अफवाहों का बाजार गर्म … कल की घटना के बाद मीडिया में अपना चेहरा दिखलाने के लिए कई प्रत्यक्ष दर्शी सामने आए थे किंतु किसी ने यह नहीं बताया कि उनके द्वारा डूबती कार को बचाने के लिए अपने स्तर पर क्या प्रयास किया गया? वही जब मृतक को कार से बाहर निकाला गया तब कुछ लोगों के द्वारा कहा गया कि तक के गले में पड़ी मोटी सोने की चेन,अंगूठी, पर्स आदि गायब है. इस तरह से उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से पुलिस एवं रेस्क्यू टीम पर आरोप लगाने के प्रयास किए गए.









