रायगढ़ जिले का टापो टॉप, सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाला,पाठकों की पहली पसंद, जिसके समाचारों का लोगों को इंतजार रहता है, क्योंकि समाचार संपादक के द्वारा लिखे जाते हैं, किसी के समाचारों की चोरी नहीं की जाती, जिसकी छवि निडर,निष्पक्ष, निर्भीक,बेबाक है,धमकी,चमकी देकर उगाही,वसूली,ब्लैकमेलिंग नही करना,पेट भरने वाला व्यवसाय नहीं,किसी के आगे हाथ फैलाने का काम नहीं, मीडिया के नाम का कलंक नहीं,चमचागिरी,चाटुकारिता, जी हजूरी खून में नहीं,कोयला,कबाड़, शराब, जुआ,सट्टा,गांजा,भू माफिया,लकड़ी चोर, राशन माफिया, ठेका, परमिट, लाइसेंस,मुखबिरी करना हमारा काम नहीं, विज्ञापन के लिए पूंछ नहीं हिलाना, माता सरस्वती का उपासक, कलम का मास्टरमाइंड, “चंद्रकांत (टिल्लू )शर्मा” संपादक सा. “टूटी कलम” धाकड़ वेब पोर्टल न्यूज़…. ब्यूरो चीफ “दैनिक जन जागरण संदेश” राष्ट्रीय स्तर की मीडिया 83192 930002.. अपने आसपास की छोटी बड़ी खबरें हमें भेजिए जो बगैर धन वसूली के प्रसारित की जाएगी
🏹टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤न्यूज रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🎯.. छत्तीसगढ़ की प्रदेश सरकार अनोखे तरह के कानून कायदों की घोषणा करती है. इन दिनों तोता पालने पर कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए. इसलिए घरों में “सीताराम” “राधेश्याम” बोलने वाले पालतू पक्षी को पिंजरे से मुक्त करना होगा.
वहीं दूसरी और और कुत्ता,कुतिया,बिल्ली,बकरी बकरा,भेड़,भेड़ी, मुर्गा, मुर्गी,गाय, बैल, सांड, घोड़ा,घोड़ी, सूअर,सांप,गदहा,बंदर आदि पालने पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. आखिर क्यों ? क्या ये वन्य जीव में नहीं आते है ? यदि इन्हें पालतू माना जाता है तो “तोता” को क्यों उड़ाने के आदेश जारी किए गए हैं ?
शेर, चीता, तेंदुआ, भालू,बरहा,हिरण,हाथी आदि के शिकार करने वालों पर एवं उनके अंगों की तस्करी करने वालों पर वन विभाग काफी दबाव के बाद कार्रवाई करता है और कार्रवाई करने से पहले लाखों रुपए की वसूली भी कर लेता है. बांस,बल्ली,लकड़ी, करील आदि के तस्करों के साथ वन मंडल के अधिकारियों कर्मचारियों की मिली भगत जग जाहिर है. कैंपा मद, सामानों की खरीदी, वनरक्षकों की भर्ती, तालाब खुदाई, बारबेट वायर,स्टेशनरी सामग्री, फोटोकॉपी, लाठी,टॉर्च, वर्दी, जंगल में आग, आदि अनेक ऐसे मामले हैं जिसमें वन अधिकारियों के द्वारा भारी मात्रा में भ्रष्टाचार किया जा रहा है. महिला अधिकारी होने की वजह से मीडिया वाले भी कुछ भी समाचार प्रसारित करने से पीछे हट जाते हैं. पिछले महीनो तेंदुए की खाल में लाखों रुपए रिश्वत के रूप में लिए जाने के समाचार हैं एवं आरोपी पर नरमाई से कार्रवाई करने का आश्वासन दिया जाना बताया जा रहा है. साथ ही विधायक भी उसी जाति के होने का फायदा वन कर्मचारी अधिकारी के द्वारा उठाया जा रहा है. लकड़ी टालों फर्नीचर मार्टों की जांच पड़ताल क्यों नहीं की जाती है. इसे आमजन भली भांति समझता है
तोता को चरण अपने साथ लेकर घूमते हैं जिसे पूरा प्रदेश जानता है. तो क्या बीजेपी सरकार यह चाह रही है कि तोता को चरण से अलग कर दिया जाए. चरण जब भी आते हैं तो तोता की होटल में रात गुजरते हैं. शायद चरण और तोता का साथ कद्दावर भाजपाइयों को पसंद नहीं आ रहा है.