🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹.. रायगढ़ के प्रोफेशनल ठग रंजीत और सुदीप के द्वारा ठगी की सैकड़ो वारदात करने के बावजूद पुलिस के द्वारा किसी भी तरह का निर्णायक एवं ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. चाय दुकानों पर चर्चा होने लगी है कि रंजीत के द्वारा रायगढ़ पुलिस को काफी मोटी रकम देकर और न जाने क्या-क्या देकर अपने खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई से रोक रखा है. चक्रधर नगर थाने के पूर्व थाना प्रभारी प्रशांत राव पूरे 2 साल तक पदस्थ रहने के बावजूद दर्जनों लिखित शिकायत आवेदन दिए जाने के बाद भी किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करना अपने आप में एक दिलचस्प प्रश्न है ? पुलिस महानिदेशक,महानिरीक्षक, गृह मंत्री के लिखित आदेश के बावजूद तत्वरित कार्रवाई नहीं करना आदेश की अवहेलना करना होता है. कूटरचित शासकीय दस्तावेजों, सील मोहर हस्ताक्षर का दुरुपयोग करना बहुत बड़ा अपराध होता है परंतु पुलिस के द्वारा केवल 420 का अपराध दर्ज करना. न्यायालय को गुमराह करना माना जाना चाहिए.
मीडिया के बढ़ते दबाव की वजह से और थाना प्रभारी का तबादला होने के बाद ठगी का शिकार बन चुके. पीड़ितों को नए थाना प्रभारी अमित शुक्ला के आने के बाद रंजीत और सुदीप के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने कि आस जाग उठी. जिस कड़ी में चक्रधर नगर थाना पुलिस के द्वारा रंजीत के भागीदार सुदीप मंडल हो थाना तलब किया गया और लगभग 8 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद, उसके परिजनों को थाना बुलाकर. सही सलामत दशा में घर भेज दिया गया और परिजनों को स्पष्ट रूप से कहा गया कि भविष्य में उसको जब भी थाने तलब किया जाएगा तब उसे लेकर हाजिर करना होगा. रायगढ़ छोड़कर वह कहीं नहीं जाएगा. जाने से पहले पुलिस में सूचना दी जाएगी. शहर से भाग जाने और पुलिस थाने में समय पर उपस्थित नहीं होने पर उसके परिजनों को तब तक थाने में बैठ कर रखा जाएगा जब तक वह हाज़िर नहीं हो जाएगा. चुन से मिली जानकारी के अनुसार सुदीप मंडल ने रंजीत और एनजीओ के विषय में ठगी करने के मामले में काफी महत्वपूर्ण राज पुलिस के सामने उगल दिए है. यही कारण है कि निकट भविष्य बहुत जल्द ही रंजीत चौहान के गिरेबान तक चक्रधर नगर थाना पुलिस,साइबर सेल के हाथ पहुंच सकते हैं.
रंजीत चौहान ने लगाया अग्रिम जमानत का आवेदन खारिज हुआ.. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रंजीत पर दर्ज 318 के मामले में उसके वकील ने अग्रिम जमानत का आवेदन प्रस्तुत किया था. जिस पर पीड़ित राज किशोर साहू के अधिवक्ता द्वारा कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए रंजीत को एक संगीन अपराधी बताते हुए. कुछ दिन पूर्व 420 के मामले में अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के विषय में भी न्यायाधीश को अवगत कराया गया. इसलिए न्यायाधीश ने रंजीत की अग्रिम जमानत याचिका का आवेदन खारिज कर दिया. न्यायाधीश ने अपने आदेश में पुलिस के द्वारा डायरी पेश नहीं किए जाने का भी उल्लेख किया था.
आखिर रंजीत की गिरफ्तारी कब तक ?… ग्रामीणों को मूर्ख बनाने, करोड़ों रुपए की ठगी करने नौकरी दिलाने के नाम पर शास्त्रीय दस्तावेजों का दुरुपयोग करने के आरोपी प्रेस क्लब के सदस्य पत्रकार रंजीत चौहान पर पुलिस के द्वारा अपने दिल पर पत्थर रखकर धारा 420,318, 467 468 471 का मामला दर्ज करना पड़ा. रंजीत तुरंत गिरफ्तार ना हो इसलिए रंजीत के भागीदार से सांठगांठ कर उसे फरार करवा दिया गया.
अधिमान्य पत्रकार अनिल गर्ग चक्कर काट रहा है थाने का… सरकार के द्वारा मान्यता प्राप्त अधिमान्य पत्रकार, प्रतिष्ठित हार्डवेयर व्यवसाई,समाजसेवी, राजनीति में सक्रिय रहने वाले चक्रधर नगर चौक निवासी अनिल गर्ग अपने साथ हुई ठगी के मामले की रिपोर्ट लिखवाने चक्रधर नगर थाने के इतने चक्कर काट चुके हैं कि उनका एक जोड़ी जूता घिस गया. पुलिस के द्वारा अनिल गर्ग को आज, कल,सुबह,दोपहर,शाम के नाम पर बारंबार बुलवाने से शारीरिक एवं मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अनिल गर्ग ने सात आठ माह पहले चक्रधर नगर थाने में अपने साथ हुई ठगी का आवेदन दिया था. जिस पर तत्कालीन थाना प्रभारी के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया और शिकायत आवेदन फाइलों में दबता चला गया. अपने कार्यशैली की वजह से चक्रधर नगर थाना बहुत बदनाम हो चुका था. पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने थाना प्रभारी के तबादला आदेश में चक्रधर नगर थाना का प्रभारी अमित शुक्ला को बनाया गया. इसके बाद रंजीत चौहान की ठगी का शिकार बने पीड़ितों को न्याय मिलने की एक नई उम्मीद जाग उठी. इसी कड़ी में अनिल गर्ग फिर से थाना चक्रधर नगर का चक्कर काटना शुरू कर दिया है अब देखना यह है कि. पुलिस के द्वारा अनिल गर्ग की रिपोर्ट कब तक लिखी जाती है. अनिल गर्ग ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज नहीं होने पर वे संजीव शुक्ला पुलिस महानिरीक्षक के पास बिलासपुर जाकर अपनी बात रखेंगे.