🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹.. फरार ठग रंजीत चौहान के पार्टनर सुदीप मंडल ने अनिल गर्ग के द्वारा सिटी कोतवाली में दर्द करवाई गई रिपोर्ट में “असीम छाया” एनजीओ के दोनों डायरेक्टर के विषय में बताया गया था. जिसकी भनक मिलने पर सुदीप मंडल ने अपनी संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए सत्र न्यायालय में अपने वकील के माध्यम से अग्रिम जमानत याचिका का आवेदन दिया था. जिस पर अनिल गर्ग के अधिवक्ता अशोक मिश्रा के द्वारा 25 पेज की प्रमाणित आपत्ति लगाते हुए जमानत याचिका का अस्वीकार करने के लिए जोरदार तरीके से विरोध किया था. माननीय न्यायाधीश जितेंद्र सिंह ठाकुर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए. संदीप मंडल के द्वारा पेश की गई जमानत याचिका खारिज कर दी.ज्ञात रहे कि सुदीप मंडल के साथी फरार ठग रंजीत चौहान के द्वारा दो मामलों में पेश की गई अग्रिम जमानत याचिका को निरस्त किया जा चुका है. सुदीप मंडल की जमानत खारिज हो जाने की वजह से सिटी कोतवाली पुलिस उसे कभी भी गिरफ्तार कर जेल दाखिल कर सकती है. पुलिस को चाहिए कि सुदीप मंडल के फरार होने से पूर्व ही उस गिरफ्तार कर लेना होगा.
पुलिस ढूंढते रह जाएगी… यदि सिटी कोतवाली पुलिस जरा सी भी लापरवाही करेगी तो सुदीप मंडल अपने साथी रंजीत चौहान की तरह से पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर फरार हो जाएगा फिर उसे भी रंजीत की तरह से पकड़ना मुश्किल हो जाएगा. रंजीत चक्रधर नगर पुलिस साइबर सेल को ठेंगा दिखाते हुए एक माह से फरार है. जिसको पकड़ने में चक्रधर नगर पुलिस, साइबर सेल कोई मजबूत प्रयास नहीं कर रही है. जिस वजह से पूरे शहर में पुलिस की किरकिरी हो रही है. लोग तरह-तरह से पुलिस का मजाक उड़ा रहे हैं.
पुलिस पर कोई असर नहीं हो रहा है.. पिछले एक माह से वेब पोर्टल न्यूज़, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के द्वारा रंजीत के विषय में समाचार चलाये जाने के बावजूद पुलिस कोई कार्रवाई करती नजर नहीं आ रही है. पुलिस यदि ईमानदारी के साथ रंजीत को पकड़ना चाहे तो कुछ घंटे में ही रंजीत पुलिस की गिरफ्त में होगा. पुलिस भूसे में से सुई ढूंढ लिया करती है परंतु 5:30 फीट के हट्टे कट्टे रंजीत चौहान को क्यों ढूंढ नहीं पा रही है. इसका कारण हर आदमी समझ रहा है. यदि रंजीत की गिरफ्तारी रोकने के पीछे राजनीतिक संरक्षण है. तब भी पुलिस को अपना कार्य कर “देश भक्ति जन सेवा” के वाक्य का मान रखना चाहिए.







