🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹… भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथनी और करनी में बहुत फर्क होता है इस देश की आधी जनता जानती है और बेचारे अन्य राष्ट्र वाले मोदी की बातों में आ जाया करते हैं. मोदी की सबसे बड़ी खासियत यहां है कि वह जिस देश में भी जाते हैं. वहां के परिवेश में अपने आप को ढालकर, पिछले जन्म में वही जन्म लेना बता देते हैं. मोदी की यह बात सुनकर विदेश के लोग खुश हो जाते हैं और चिल्लाने लगते हैं. मोदी, मोदी, मोदी, मोदी,. मोदी स्वयं को महादेव से कम बड़ा नहीं समझते. उनके बोल चाल और भाषण में ऐसा लगता है कि मानो मुंह से ही मिसाइल हमला कर रहे हैं और वे चुटकियों में ही किसी भी देश को बर्बाद कर सकते हैं. मगर जब चुनाव में सरकार को पूर्ण बहुमत नहीं मिला तो यही स्वयं को महाबली, महामानव कहने वाले मोदी ने कु शासन बाबू नीतीश कुमार एवं चंद्रबाबू नायडू से हाथ जोड़कर बहुमत हासिल कर लिया और बहुमत मिलते ही नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को भरपूर पैसा देते हुए उन्हें खरीद लिया गया. जो अब मोदी के इशारे पर नाचने लगे हैं.
पाकिस्तान ओवर कॉन्फिडेंस में रह गया
सरकार के द्वारा पिछले कई दिनों से 8 मई को देश के 244 प्रमुख शहरों में पाकिस्तान से युद्ध के समय युद्ध अभ्यास,मार्कड्रिल,ब्लैकआउट सायरन बजाना,विमानो की गड़गड़ाहट, छिपने,भागने का रिहर्सल करना देश विदेशों में बतलाया जाता रहा. जिसको लेकर पाकिस्तान भी आश्वस्त था कि उसे चीन का सहयोग मिलने से भारत युद्ध नहीं करेगा परंतु 7– 8 मई की मध्य रात्रि 1:00 बजे भारतीय सेना ने चुपचाप पाकिस्तान में आतंकवादियों के ट्रेनिंग सेंटरों मिसाइल्स से हमला कर दिया और आतंकवादियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया. इस हमले में 100 से ऊपर आतंकवादियों के मारे जाने के समाचार है. भारतीय सेवा के हमले में खूंखार आतंकवादियो में शामिल मसूद अजहर के 10 परिजन मारे गए हैं.वहीं हाफिज सईद का अड्डा तबाह कर दिया गया.
एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानोगे पाकिस्तानियों
पहलगाम हमले में मारे गए बहनों के सुहाग का बदला भारतीय सेना ने लेकर बता दिया कि तोड़ दूं हाथ जो हाथ उठने लगे छू न पायेगा सीता का दामन कोई
और मंत्री निवास पहुंचे बरमूडा पहने लोग
रात 1:00 बजे भारतीय सेना के द्वारा आतंकवादियों के ठिकानों पर हमला करने के समाचार सुनकर कुछ लोग पूरी रात इसलिए जागकर बिता दिए और रातो रात पटाखों का इंतजाम कर लिए कि उन्हें सुबह-सुबह मंत्री निवास जाकर खुशियां मनाने है. इतनी खुशी हुई की लोग फुल पैंट या लोअर पहनना भूल गए और बरमूडा पहने ही मंत्री निवास पहुंच गए. खुशियां मनाने वालों की संख्या 10 से ज्यादा नहीं थी. यही खुशियां अगर सुबह 9–10 बजे शहर के चौक चौराहों पर मनाई जाती तो आम जनता को भी भारतीय सेवा के पराक्रम का मालूम चल सकता था.