🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹… जब रायगढ़ की जनसंख्या आधी रही होगी. जब रायगढ़ जिला जशपुर जिला सारंगढ़ जिला को समेटे हुए था. तब केलो प्रवाह के संस्थापक उदयराम थवाईत ने केलो प्रवाह नामक साप्ताहिक अखबार की शुरुआत की थी. वह दौर आज के दौर से भिन्न था. ना उतने लोग मिलते थे और ना ही टेक्नोलॉजी विकसित हुई थी. कार्य सभी हुआ करते थे मगर समय बहुत लग जाया करता था. स्वर्गीय वासुदेव मोदी, स्वर्गीय अनुपम दास गुप्ता, स्वर्गीय भग्गू भाई गांधी, सतपाल सिंह सोनी, ठाकुर जगतपाल सिंह ठाकुर पृथ्वीपाल सिंह,जगदीश मेहर,आदि शहर के नामचीन हस्तियों के साथ उदय राम थवाईत की बैठक हुआ करती थी. उसे दौर में अखबार निकालना, समाचार संकलन करना,विज्ञापन संकलन करना,प्रूफ चेक करना बंडल बंधवाना,अखबार प्रिंटिंग करवाना, ट्रेन,बस,जीप के माध्यम से समय पर अखबारों को पूरे जिले में वितरण करवाना.एजेंसी देना. बहुत कठिन कार्य होता था. बिल वसूली करना उससे भी कठिन कार्य होता था. मगर उदयराम दवाई के दृढ़ संकल्प और हौसले से अखबार दिनों दिन लोगों की जुबान पर चढ़ने लगा था.
सुपुत्र हेमंत (राजू) ने संभाला मोर्चा. स्कूली जीवन से ही हेमंत ने अपने पिता के कार्य में सहयोग देना शुरू कर दिया था. वयस्क होते ही हेमंत ने अखबार के समाचारो को कालम के अनुसार लगाना सीख लिया था. रामलीला मैदान के अंदर ममता प्रिंटर्स के नाम से केलो प्रवाह अखबार की छपाई होती थी. दो फ्लोर के भवन में नीचे प्रिंटिंग मशीने हुआ करती थी और प्रथम स्थल पर उदयराम थवाईत का कार्यालय हुआ करता था. जिसके बाहर राजू हिलती डुलती लकड़ी की कुर्सी पर बैठकर हिलती डुलती टेबल पर कागजों में पेन के जरिए समाचार लिखा करता था. राजू शाम को 6:00 बजे कार्यालय पहुंचता था और रात के दो-तीन बजे खाना खाता था. सुबह अखबार के सारे कार्य पूर्ण कर 6:00 बजे सोने घर जाता था. इस तरह से राजू ने अपना समय माता सरस्वती की सेवा करने में लगा दिया था. माता सरस्वती की कृपा से केलो प्रवाह रूप दिनों दिन बढ़ता चला गया और केलो प्रवाह का नाम अविभाजित मध्य प्रदेश के बड़े अखबारों में शामिल हो गया था. केलो प्रवाह ने आम जनता को अल सुबह उठते ही अखबार पढ़ने की दिनचर्या में शामिल कर दिया. किसी दिन किसी कारण बस यदि केलो प्रवाह सुबह नहीं आ पाता था तो पाठकों के फोन केलो प्रवाह के ऑफिस में कारण जानने के लिए घन घनाने लगते थे. अखबार केलो प्रवाह के संवादाता बनने, प्रेस कार्ड हासिल करने के लिए लोगों के द्वारा उच्च स्तरीय सिफ़ारिशें करवाई जाती थी. लोग कार्ड पाने के लिए मुंह मांगी रकम देने को भी तैयार रहा करते थे किंतु उदयराम थवाईत एवं राजू ने सिफारिशों एवं धन पर ध्यान में देते हुए केवल लगनशील युवाओं को अवसर दिया जाता रहा. केलो प्रवाह के द्वारा पत्रकारों की फसल उगाई जाती रही.केलो प्रवाह पत्रकारों के लिए ट्रेनिंग सेंटर का कार्य भी करता रहा. भूतकाल के समय केलो प्रवाह अखबार के युवा संपादक हेमंत बेहतरीन क्रिकेट खिलाड़ी हुआ करता था. तब भी उसकी दोस्ती यारी रिजर्व नेचर का होने की वजह से गिने चुने लोगों से रही परंतु जान पहचान पूरे प्रदेश में है.
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पहचाना जाता है केलो प्रवाह को.. मध्य प्रदेश राज्य के समय शुरू हुए केलो प्रवाह को आज भी मध्य प्रदेश में जाना पहचाना जाता है. उस समय मध्य प्रदेश के मंत्रियों अधिकारियों के बीच आज की तरह ही केलो प्रवाह की तूती बोलती थी. छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद केलो प्रवाह, उदयराम थवाईत,हेमंत थवाईत को छत्तीसगढ़ के सारे मंत्री नेता नाम से जानते और पहचानते हैं. उदयराम थवाईत के द्वारा लगाया गया केलो प्रवाह नामक पौधा अब वट वृक्ष बन चुका है. इस अखबार में छपी खबरों पर स्थानीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर के अधिकारियों,नेताओं के द्वारा संज्ञान लिया जाता है. केलो प्रवाह पर आज तक ब्लैक मेल, वसूली,उगाही, के आरोप अन्य अखबारों की तरह से नहीं लग पाए हैं. पाठकगण केलो प्रवाह में छपी खबरों पर आंख मूंद कर विश्वास करते हैं. वर्तमान में केलो प्रवाह के संपादक हेमंत थवाईत रायगढ़ जिला प्रेस क्लब के अध्यक्ष है और भविष्य में भी यही अध्यक्ष रहेंगे क्योंकि मीडिया जगत हेमंत की बहुत इज्जत करता है इसलिए उनके खिलाफ खड़े होने की गुस्ताखी कोई नहीं कर पाएगा. हेमंत की जब तक मर्जी रहेगी तब तक वे अध्यक्ष पद पर काबिज रहेंगे.