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🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹…. गति दोनों जिला कलेक्टर कार्यालय के परिसर में तथाकथित अडानी ग्रुप के लोगों एवं पत्रकारों के बीच हुई तकरार का मामला धीरे-धीरे रंग पकड़ने लगा है. पत्रकारों के द्वारा पुलिस में अदानी ग्रुप के लोगों के खिलाफ लिखित शिकायत में न्याय संगत कार्रवाई करने की मांग की है. अडानी ग्रुप के लोगों एवं पत्रकारों के बीच हुए विवाद का वीडियो पूरे प्रदेश में नहीं अपितु पूरे देश में वायरल हो चुका है और हो रहा है. वीडियो में अडानी ग्रुप के लोग पत्रकारों पर हावी होते एवं पुलिस के द्वारा उनका बचाव करते हुए पत्रकारों को धकियाते हुए देखा जा सकता है अडानी ग्रुप के लोग मरने मारने पर आमादा दिखाई दे रहे हैं.
प्रेस क्लब की हाई लेवल बैठक संपन्न हुई… इस घटना की जानकारी पत्रकारों ने प्रेस क्लब के अध्यक्ष हेमंत थवाईत को दी. इसके बाद केलो प्रवाह अखबार के कार्यालय में एक अति आवश्यक बैठक का समाचार प्रेस क्लब के व्हाट्सअप ग्रुप में डाल कर सभी पत्रकारों को उपस्थित होने के लिए कहा गया था. मगर यह क्या ? बैठक की जानकारी देने के बावजूद प्रेस क्लब की जंबो सदस्यता होने पर भी 127 पत्रकारों में से महज 16 पत्रकार ही बैठक में शामिल हुए. बैठक में अडानी के खिलाफ स्टेप बाय स्टेप मरते दम तक जंग जारी रखने का निर्णय लिया गया. पहली कड़ी में थाना चक्रधर नगर पुलिस में लिखित शिकायत देने के बाद संध्या 4:00 बजे पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर घटना के विषय में जानकारी दे कर पत्रकारों की सुरक्षा एवं अडानी के लोगों पर निश्चित समय अति शीघ्र कड़ी कार्रवाई करने की मांग की जाएगी. कार्रवाई नहीं होने की दिशा में अगला कदम उठाया जाएगा.
अडानी के द्वारा दिल्ली या मुंबई में लिखाई जा सकती है मारपीट की रिपोर्ट…. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उधर अडानी कंपनी के लोगों ने पत्रकारों के खिलाफ बैठके करनी शुरू कर दी है और अपनी सुरक्षा के लिए दिल्ली मुंबई कार्यालय से सलाह मशविरा कर मार्गदर्शन मांगा जा रहा है. अडानी कंपनी के कर्मचारी ने नाम न छापने के आश्वासन पर बताया कि समय आने पर पत्रकारों के खिलाफ दिल्ली या मुंबई में वीडियो क्लिप के आधार पर रिपोर्ट दर्ज करवाई जा सकती है. जिसका मकसद पत्रकारों को केवल परेशान करना हो सकता है. पावर पैसा पहुंच के दम पर प्रत्येक 15 दिनों में पत्रकारों को मुंबई या दिल्ली तलब किया जा सकता है.
पत्रकारों में एकता का अभाव दिखा.. प्रेस क्लब के द्वारा आहूत बैठक में 127 पत्रकारों में से महज 16 पत्रकारो के उपस्थित रहने पर अडानी कंपनी को बल मिला है. उन्होंने भांप लिया कि रायगढ़ के पत्रकारों में एकता नहीं है. उक्त गंभीर मामले पर पत्रकारों के उपस्थित नहीं होने पर प्रेस क्लब के अध्यक्ष हेमंत थवाईत के द्वारा संज्ञान लिया जा सकता है एवं भेड़ बकरी की तरह प्रेस क्लब के सदस्य बन चुके लोगों को बाहर का रास्ता दिखलाकर. पूरी कार्यकारिणी भंग करते हुए तेजतर्रार,ऊर्जावान, बौद्धिक स्तर के लड़ाकों को प्रेस क्लब में शामिल किया जा सकता है. बाहरी लोगों से प्रेस क्लब की सदस्यता छीनी जा सकती है. जिनके द्वारा प्रेस क्लब के सदस्य होने नाम पर अवैध कारोबार,उगाही, धमकी, चमकी, वसूली, ब्लैकमेलिंग, का काम किया जाता है. वहीं यदि प्रेस क्लब के ग्रुप में नाश्ता खाना आदि से संबंधित बैठक का समाचार वायरल किया जाता तो मीडिया के एक बैनर से चार-पांच अवश्य पहुंच जाते. बताया जा रहा है कि अडानी कंपनी के द्वारा जिन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रिंट मीडिया वेब मीडिया वालों को नजराना दिया गया है. वे शुरू से लेकर अब तक पूरी पिक्चर में कहीं दिखाई नहीं दिए हैं.
राजेश जैन से की गई धक्का मुक्की संज्ञान लेने योग्य है..प्रेस क्लब के वरिष्ठ पत्रकार एवं पदाधिकारी राजेश जैन से जिस तरह से अडानी के लोगों एवं पुलिस वालों ने धक्का मुक्की की है. वह आने वाले समय के लिए प्रत्येक पत्रकारों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. अनेक पत्रकार आने वाले 15 अगस्त पर मिलने वाले विज्ञापन को लेकर सशंकित हो चुके हैं. जिनके द्वारा प्रेस क्लब के आंदोलन में शामिल नहीं होने की सफाई अडानी के लोगों तक पहुंचाई जा रही है ताकि उनको 15 अगस्त पर विज्ञापन मिल सके.