छत्तीसगढ़ प्रदेश में नंबर वन की तरफ बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है टूटी कलम वेब पोर्टल न्यूज़, जिसमें आप लोगों की सहभागिता है, टूटी कलम आप लोगों के सहयोग से विश्वसनीय, निष्पक्ष, निर्भीक,बेबाक पत्रकारिता के रूप में अपनी पहचान बना चुका है. हमारे समाचार चाटुकारिता,चापलूसी, कॉपी पेस्ट से काफी दूर होते है क्योंकि हम पेट भरने, उगाही करने, वसूली करने, धमकी चमकी देने, ब्लैकमेलिंग करने के लिए,पत्रकारिता नहीं करते हैं. हमारा मकसद सच्चाई को उजागर करना, जनहित में समाचार प्रसारित करना, समस्याओं की ओर सरकार एवं प्रशासन का ध्यान आकर्षण करवाना है. हम बंधन में बंध कर नहीं स्वतंत्र पत्रकारिता करते हैं”परशुराम वंशज, रावण भक्त, चाणक्य से प्रेरित, माता सरस्वती का उपासक,कलम का मास्टरमाइंड “टिल्लू शर्मा “किसी के परिचय का मोहताज नहीं है. मैं जो भी लिखूंगा सच लिखूंगा सच के सिवा कुछ नहीं लिखूंगा. हम जहां पर खड़े होते हैं. वहां मैटर बड़े होते हैं.
🔱टिल्लू शर्मा ✍️टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹… वेब पोर्टल आने के बाद हर कोई स्वयं को पत्रकार बनने में जुटा हुआ है क्योंकि अनपढ़,कम पढ़ें लिखे, बेरोजगार निकम्मो की संख्या बढ़ती ही जा रही है. नौकरी रोजगार किसी को मिलन मतलब आसमान से तारे तोड़ कर लाने समान है. खुद का व्यवसाय करने के लिए मोटी धनराशि की आवश्यकता होती है और बैंक भी उन्हीं लोगों को भी वित्तीय सहायता प्रदान करती है. जो कर्ज वापस नहीं पटा पाते हैं. हजारों लाख ऑन करोड़ों रुपए के कर्ज में बैंक डूब चुके हैं.
माइक आईडी लेकर घूमना सबसे सस्ता व्यवसाय है. घर का बेकार,बेकाम,बेरोजगार, निट्ठल्ले और अर्ध शिक्षित के लिए वेब पोर्टल सबसे सस्ता जुगाड़ है 10 15, हजार रुपए खर्च कर अपने बेटे पोते अथवा किसी आकर्षक नाम पर वेव पोर्टल बनाकर, एक माइक एक आईडी खरीद कर, स्वयं का परिचय पत्र एवं जनसंपर्क विभाग के नाम से आवेदन पत्र बनाकर इंस्टॉलमेंट में एंड्रॉयड फोन खरीद लिया जाता है. बस इतना करने पर पत्रकार होने का ठप्पा लग जाता है. पूरे शहर,उद्योगो,सरकारी दफ्तरों, पुलिस थानो, अवैध धंधा करने वालों जान प्रतिनिधियों के यहां में हाथों में माइक आईडी थाम कर घूमना शुरू कर दिया जाता है और 200,500 रुपए की वसूली शुरू कर दी जाती है. प्रेस वार्ताओं में जाकर नाश्ते पानी का जमकर लुफ्त उठाया जाता है और कभी-कभार कहीं,कहीं से उपहार भी प्राप्त हो जाता है. अनपढ़ अर्थशिक्षित, मूर्ख लोग, बड़े-बड़े अधिकारियों, उद्योगपतियों से प्रश्न पूछने लगते हैं. जबकि इस तरह के लोग उनके कर्मचारी के लायक भी नहीं होते हैं.
उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, अन्य प्रांतों के वेब पोर्टलों का छत्तीसगढ़ में क्या काम है… अन्य प्रांतों के लोगों ने छत्तीसगढ़ के लोगों को मुर्ख बनाकर 2000 से 10000 ₹ लेकर पी आर ओ लेटर,माइक आईडी, स्टीकर,फीता,पेन आदि सामग्री देकर उन्हें पत्रकार बना दिया जाता है. जबकि वास्तव में अन्य प्रांतों के वेब पोर्टलो का कोई महत्व नहीं होता है. यूट्यूब पर समाचार दिखाकर समय समय पर विज्ञापन के नाम पर वसूली की जाती है और कमीशन देने का लालच दिया जाता है.
अधिकारियों से संज्ञान लेने की अपेक्षा है… जिला कलेक्टर को चाहिए कि वे आदेश देकर जिला जन संपर्क अधिकारी, अनु विभागीय अधिकारी, तहसीलदारों को सभी पत्रकारों के पहचान पत्र, नियुक्ति पत्रों की जांच कर कालातीत हो चुके परिचय पत्र वाले तथा कथित पत्रकारों, अन्य प्रति के वेव पोर्टलों के पत्रकारों का नाम सूची से काट दे एवं जनसंपर्क विभाग से बाहर का रास्ता दिखला दे. किसी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अन्य प्रांतों के वेब पोर्टलों के कर्मचारियों को प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए. यदि अन्य प्रांतों के कर्मचारी विज्ञापन एवं समाचार न लगाने के नाम पर डरा ,धमकाकर,उगाही, वसूली, करने आए तो उसके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवा देनी चाहिए.
क्या छत्तीसगढ़ के लोग बाहर जाकर पत्रकारिता कर सकते हैं.. यदि छत्तीसगढ़ के लोग बाहर जाकर स्वयं को पत्रकार बताते हुए छत्तीसगढ़ के वेब पोर्टलो की आड़ में पत्रकारिता कर करेंगे तो उस प्रांत के लोग छत्तीसगढ़ के पत्रकार लोगों को मारपीट कर अपने प्रांत से बाहर खदेड़ देंगे. इसलिए छत्तीसगढ़ के पत्रकारों को भी चाहिए कि बाहरी लोगों को पत्रकारिता न करने देवें. रायगढ़ प्रेस क्लब को चाहिए कि बाहरी लोगों की सदस्यता समाप्त कर देनी होगी.