रायगढ़—— किरोडिमलनगर ए टी एम लूट,हत्याकांड की परतें शनै शनै खुलती ही जा रही है। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने उक्त लोमहर्षक कांड को काफी गम्भीरता से लिया है। जिसके कारण उक्त कांड में सम्मिलित सभी लोगो पर पुलिसिया कार्यवाही होनी जारी है। दिन प्रतिदिन पुलिस एक न एक चौकाने वाली बातों का खुलासा कर रही है। उक्त कांड में 4 अपराधियों को पकड़ा जा चुका है एवं कुछ सह लोगो को सह आरोपी भी बनाया जा सकता है।
टूटी कलम की सतही छानबीन पर यह सामने आया कि शूटर सुधीर सिंह का भाई वरुण सिंह पतरापाली खरसिया मार्ग स्थित सूर्या काम्प्लेक्स में रहता है एवं किरोडिमलनगर के मुख्य मार्ग पर बैंक के ए टी एम के सामने 20 कदम की दूरी पर दिखावे के लिये m s Bhawani traders के नाम पर मार्केटिंग व्यवसाय संचालित करता है। जिसमे बेरोजगार युवक युवतियों को आय करने का सब्जबाग दिखलाकर रकम वसूल करता था। आजाद चौक पर उसने बहुत लंबा चौड़ा मकान किराये पर आफिस के नाम पर ले रखा है। जो कि उक्त मार्ग का सबसे बड़ा मकान है। जिसमे सामने 2 शटर लगी दुकाने है। जिसकी चौड़ाई 30 फिट एवं गहराई 60 फिट से कम शायद ही होगी। जिसमें कमरों के अतिरिक्त लेट,बाथ, किचन सब है। स्थानीय निवासियों ने उक्त मकान का किराया लगभग 30 हजार रुपये प्रतिमाह बतलाया एवं सूर्या कॉम्प्लेक्स स्थित फ्लैट का किराया लगभग 5 हजार रुपये के करीब बतलाया। अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह माह में कितना और किस तरीके से कमाता होगा।
वरुण सिंह ग्लेज इंडिया नाम की फ्रेंचाजी का कार्य करना बतलाता जा रहा है। जिसके माध्यम से वह आसपास के क्षेत्रों में घूम घूम कर जैविक खेती सामग्री बिक्री करने के लिए भोले भाले ग्रामीणों को बकरा बना कर रकम ऐंठता था और सामग्री सप्लाई करने के नाम पर ठेंगा दिखला देता था। लोगो पर रुआब झाड़ने के लिए रायगढ़ से यदा कदा प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक अखबार का प्रेसकार्ड धनराशि देकर बनवा रखा था। जिसमे लम्बा-चौड़ा विवरण सम्पादक के हस्ताक्षर सहित छपा हुआ है। जिसका दुरुपयोग उसने बिहार में जमकर किया है बतलाया जा रहा है कि उसने प्रेसकार्ड के माध्यम से जमकर उगाही की है। प्रेस कार्ड होने की वजह से रायगढ़ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के वासी चाहकर भी उसका विरोध नही कर पाते थे। बतलाया जा रहा है कि आरोपी वरुण सिंह पर लगभग 22 लाख का कर्ज हो गया था। वह रोज रोज के तगादे से परेशान होकर कर्जमुक्त होने के लिए उसने ए टी एम कैश वैन लूटने की साजिश का तानाबाना बुना और उसमें अपने अपराधी भाई को शामिल कर घटना को अंजाम देने के लिए दोनों लुटेरों को हथियार,गोली,अपनी मोटरसाइकिल उपलब्ध करवाई एवं घटना पर निगाह बनाये रखने के लिये दुकान में स्वंय बैठा रहा और पल पल की खबर अपने आरोपी भाई को देता रहा। उक्त लोमहर्षक कांड में अभी भी कुछ लोगो की संलिप्तता एवं गिरफ्तारी से इंकार नही किया जा सकता