पहला अध्याय ———- रायगढ़——- ग्राउंड रिपोर्टिंग 🔰 👉 वैसे तो रायगढ़ जिले में प्राकृतिक सम्पदाओं में कोई कमी नही है। जमीन के ऊपर-अंदर धन का अकूक भंडार भरा हुआ है। जिनका फायदा सरकार की अपेक्षा अपराध में लिप्त अपराधी लोग ज्यादा उठा रहे है। बंगाल,बिहार,उत्तरप्रदेश आदि प्रांतों से आये लोगो के लिये रायगढ़ जिला तस्करी की शरण स्थली बनी हुई है। जो बकायदा ग्रामीण क्षेत्रों में होटल,ढाबो की आड़ में अपने तस्करी,चोरी के कारोबार को दबंगई से संचालित कर रहे है। ऐसा नही है कि आसपास के थानों में इनके कारोबार की भनक नही है। मगर लक्ष्मी से भरी जेबें किसको बुरी लगती है फिर ऊपर से राजनीतिक संरक्षक प्राप्त। सोने में सुहागे का काम करता है। “गंगा गये तो गंगाराम,जमना गये तो जमना दास” की तर्ज पर कार्य चलता रहता है। सरकार चाहे किसी की हो? विभागीय अधिकारी,थाना प्रभारी कोई आये कोई जाये। इससे इन तस्करों को कोई फर्क नही पड़ता क्योकि चेहरे बदलते रहते है परन्तु इन तस्करों के व्यवसाय फलते फूलते रहते है।

खरसिया विधानसभा क्षेत्र के देवरी में लगे बड़े उद्योगों के दिवालिया हो जाने और बैंकों द्वारा उनके नीलामी कर देने की वजह से वीसा पावर,हैक्सा, B H L, में जमकर लोहे की कटाई कर तस्करी की जा रही है। रायपुर के किसी व्यवसाई ने वीसा पावर की मशीनों,लोहो को करोड़ो ₹ की नीलामी में खरीदना बतलाया जा रहा है। इस व्यपारी ने नीलामी में खरीदे गये लोहो को 90% कटवाकर डंप किया हुआ है। जिसकी सुरक्षा के लिए गांवों के स्थानीय युवकों को 5,5 हजार के वेतनमान पर रखा गया है। इसमें सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस उद्योग में यत्रतत्र बिखरे कटे लोहो को आसपास में कबाड़ के गोदाम बना लिए गए कबाड़ियों के द्वारा रात के अंधेरों में जे.सी. बी.,लोडर,की सहायता से ट्रेलरों,हाईवा,माजदा कबाड़ लोड कर चोरी की जा रही है। जिसमे किसी पालू बंगाली,अभयसिंह,चुना,को कबाड़ का खिलाड़ी बतलाया जा रहा है।इन उद्योगों की सुरक्षा के लिए तैनात निहत्थे सुरक्षा कर्मियों को कबाड़ियों के गुर्गों द्वारा शराब पीकर डराया,धमकाया,चमकाया जाता है। जिससे सुनसान क्षेत्रों में तैनात सुरक्षा कर्मी चुप रहने विरोध न करने में ही अपनी भलाई समझते है। पूर्व में इस स्थान पर गुर्गों ने जमकर लाठियां भांजी थी और कई लोगो के सिर फोड़े थे।

भूपदेवपुर थाने में तस्करों,चोरों,गुर्गों की धमक की सूचना देने पर जब तक पुलिस पहुंचती है तब तक सारे अपराधी तत्व फरार हो जाते है। भूपदेवपुर थाना जिले का शायद सबसे कमाऊ थाना है। जिसके अंतर्गत बड़े उद्योगों के साथ,नदी से रेत,लाल ईंटो,कबाड़,कोयले आदि के अवैध कारोबार तेजी से फल फूल रहे है। भले ही आबादी,बाजार,चहल पहल से दूर सुनसान क्षेत्र में थाना है परन्तु इस थाने का प्रभारी बनने की ललक सभी निरीक्षको में रहती है क्योंकि इस थाना की कमाई से चंद महीनों में ही करोड़पति बना जा सकता है। क्रमशः——–
