पिछले 6 माह से देश प्रदेश में कोरोना नामक बीमारी का व्यापक प्रचार-प्रसार कर जनमानस को भयाक्रांत किया जा रहा है ताकि लोग देश की गिरती आर्थिक व्यवस्था,बढ़ती मंहगाई, बिकते शासकीय उपक्रमो पर से ध्यान भटकाया जा सके। गर्त में जा रही सरकारी योजनाओं का लाभ देने से बचा जा सके। इन सबके बीच कांग्रेस,सोनिया,राहुल,कमलनाथ,अशोक गहलोत ज्योतिरादित्य सिंधिया,सचिन पायलट पर निशाना साधने में कोई कमी न रखी गई। पूरे देश को कोरोना संक्रमण में उलझा कर भाजपा कांग्रेस शासित प्रदेशों को भाजपामय करने में लगी है और जनता ताली,थाली,दिया,सेनेटाइजर, मास्क,सोशल डिस्टेंनसिंग, लाकडाउन, अनलॉक दिग्भ्रमित हो रही है।
कोरोना संक्रमण से मृत्यु दर 0.5% भी नही है। यह एक मौसमी बीमारी है। जिसे शायद “इन्फ्लूएंजा” कहा जाता था। अब इसे कोरोना कहा जाने लगा है। जब जब ऋतु में परिवर्तन होता है तो मनुष्य सर्दी,खांसी,बुखार,सरदर्द से पीड़ित होता है है। जब कोई मनुष्य एक प्रदेश से अन्य प्रदेश जाता है तो वह जलवायु से प्रभावित होकर कुछ दिन इन सब बीमारियों से प्रभावित होता ही है। सम्पूर्ण देश मे प्रवासी मजदूरों को उनके प्रदेश कोरोना का भय बतलाकर इधर से उधर किये गये है तो जाहिर सी बात है कि ये सब जलवायु का शिकार होकर सर्दी,खांसी,बुखार से पीड़ित होंगे। जब मनुष्य गर्म एवं ठंडे पानी के उपयोग से बीमार पड़ जाता है तो एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में आकर पानी पीने से बीमार पड़ जाना संक्रमण नही होता। यह सब शारिरीक रचना की वजह से होता है।
कामचोर लोगो ने कोरोना को हौव्वा बनाकर रख दिया है। ये लोग केवल लाकडाउन करवाने के गुनताड़े में ही उलझे रहते है ताकि बाजार,दुकाने बंद रहे और इन्हें कोई कार्य न करना पड़े और सामानों की ब्लैकमेलिंग कर कम लागत में ही अधिक लाभ कमाया जा सके।