रायगढ़——- इस समय पूरा प्रदेश कोरोना संक्रमण की गम्भीर स्थिति से जूझ रहा है। सारे स्कूल,कालेज आदि बंद है। प्राइवेट स्कूल वाले भी स्कूल खोलने के फड़फड़ा रहे है। फीस माफ,कॉपी किताब मुफ्त की शर्तों पर भी स्कूल खोलने को तैयार है परन्तु मामला अधर में लटका है। वहीं प्रदेश सरकार नन्हे मुन्हे गरीब बच्चों की बंद पड़े आंगनबाड़ी केंद्रों के खोलने पर अड़ी हुई है। आखिर सरकार को इतनी हड़बड़ी क्यो है नन्हे मुन्हों को पढ़ाने की,अगर ये बच्चे 1 साल आंगनबाड़ी नही जायेंगे तो कौन सी कयामत आ जायेगी। वैसे भी अभी कोरोना संक्रमण काल मे कोई भी माता-पिता अपने जिगर के टुकड़ों को जानते बुझते संक्रमित करने के लिए आंगनबाड़ी नही भेजेंगे। WHO के अनुसार 10 साल से कम उम्र के बच्चों को संक्रमित होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है क्योंकि इस उम्र में इम्युनिटी पावर कम होती है। शायद आंगनबाड़ी व्यापक भर्राशाही,भ्रष्टाचार की बाड़ी है। जहां मध्यान्ह भोजन,राशन,सब्जी,दूध,चिकित्सा आदि के नाम पर करोड़ो की हेराफेरी करने की बेल फलती फूलती है। सरकार को इस दिशा में गम्भीरता से विचार कर अपना फैसला बदलना चाहिए। आंगनबाड़ी में कोविड 19 के किसी भी दिशा निर्देश के पालन होने असंभव होगा।