मृतक के पुत्र ने लगाये निजी अस्पताल पर आरोप,अस्पताल की मान्यता समाप्त की जानी चाहिए।
गांव में अंतिम संस्कार करने पर ग्रामीणों में उभरा आक्रोश,बाईपास मार्ग में किया चक्का जाम
रायगढ़—– सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कल खरसिया क्षेत्र के ठाकुरदिया निवासी किसी व्यक्ति की मृत्यु रायगढ़ के किसी निजी अस्पताल में दोपहर में हो गई थी। मृतक की कोरोना रिपोर्ट पहले नाकारात्मक बतलाई जा कर उसका ईलाज किया जा रहा था परन्तु ईलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो जाने पर अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन उसकी कोरोना रिपोर्ट धनात्मक बनाकर बगैर प्रशासन को इतला किये शव उसके परिजनों को सौप दिया गया। जो कि गम्भीर अनिमियता एवं कोविड 19 का सरासर उलंघन है। दोपहर के बाद मृतक के परिजन शव को खरसिया ले गये थे। जहां मौहापाली में उसका अंतिम संस्कार किया जाना था किंतु कोरोना पॉजिटिव बतलाये जाने पर उसके परिजन अंतिम संस्कार करने के लिये शव को शाम से लेकर देर रात तक भटकते रहे। अंत मे ग्राम बाम्हनपाली के सुनसान स्थान पर उसका अंतिम संस्कार रात के अंधेरे में लगभग 1 बजे कर दिया गया था। सुबह जब गांव वालों को मृतक के पॉजिटिव होने की खबर लगी तब सारे ग्रमीण अपने अपने घरों से निकलकर बाईपास मार्ग पर आ गए और चक्का जाम कर दिया गया। ग्रामीणों ने कहा कि कोरोना से मृत्यु हो जाने पर वे अपने गांव में किसी का अंतिम संस्कार किसी भी कीमत पर नही करने देंगे।
मृतक के पुत्र ने रायगढ़ के निजी अस्पताल पर गम्भीर आरोप लगाये है। उसका कहना है कि अस्पताल में भर्ती करने के महज एक घँटे के अंदर ही उसके पिता की मृत्यु हो जाना अस्पताल प्रबंधन ने बतलाया जबकि मरीज की स्थिति मरने के जैसी नही थी। साथ ही उसके पिता की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। जिसे अस्पताल प्रबंधन ने पॉजिटिव रिपोर्ट बनाकर। शव उन्हें सौप दिया गया। जबकि पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन को सूचित करना था। मृतक जब पॉजिटिव था तो उसके शरीर को कितने लोगों ने छुआ होगा और इससे कितने प्रभावित हुए होंगे। यह भी जांच का विषय बन गया है। मृतक के पुत्र ने अस्पताल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई एवं उसका लाइसेंस निरस्त करने की मांग की है।