रायगढ़—— जब से संतोष कुमार सिंह ने रायगढ़ पुलिस विभाग की कप्तानी सम्भाली है तब से अपराधों में निःसन्देह गिरावट आई है। कप्तान की आक्रमक शैली से अपराधियो के नेटवर्क ध्वस्त लगभग हो चुके है। जो थोड़े बहुत बचे है उनपर क्षेत्र के थानप्रभारियो का वरदहस्त प्राप्त की वजह से है। अपराधियो को प्रभारियों के चेम्बर में बैठा आसानी से देखा जा सकता है। जिसे पूछताछ करने के लिए बुलाया गया बतला दिया जाता है।
कप्तान क्षेत्र रक्षकों को क्षेत्र रक्षण के लिए लगा सकते है और क्षेत्र रक्षक किस तरह की फील्डिंग करेंगे यह इनपर ही निर्भर करता है। रन रोकना,कैच लपकना,थ्रो करना कुशल क्षेत्र रक्षण की पहचान होती है। कमजोर फील्डिंग करने पर कप्तान ज्यादा से ज्यादा क्षेत्र बदल सकते है। लॉग ऑन से थर्ड मैन पर भेज सकते है। वैसे ही बॉलर पर निर्भर होता है कि वह आउट स्विंग,इन स्विंग,फास्ट,स्लो,बाउंसर,यॉर्कर,गुगली फेंके इस पर कप्तान कुछ नही कर सकते। अधिक रन देने वाले कमजोर बॉलर को विश्राम देकर अन्य बॉलर से बॉलिंग करवा सकते है। विकेटकीपर कैच छोड़ दे,स्टम्पिंग न कर सके तो कप्तान बेबस रह जाता है।
शहर के शायद ही कोई गली,मोहल्ला,पारा बचे हो जहां जुआ,सट्टा, गाँजा,शराब,कबाड़,कोयले,लकड़ी,रेत आदि अनैतिक कार्यों ने अपने पैर न पसार रखें हो।अगर देखा जाये तो शहर के चारो थाना क्षेत्रों में चक्रधरनगर थाना क्षेत्र अपराधियो के लिए भौगोलिक दृष्टि से भी सर्वोत्तम एवं सुरक्षित है। कनकतूरा,जामगा,कोतरलिया,तिलगा,भगोरा, सपनई, गोपालपुर,विजयपुर रेगड़ा आदि के रास्ते ओड़िसा से शहर में आसानी से प्रवेश कर अवैध कार्यो को बखूबी से अंजाम देकर वापसी की जा सकती है। 36 जंगली रास्ते एवं पुलिस चौकी न होने के कारण अपराधियो के लिए यह क्षेत्र सबसे पसंदीदा क्षेत्र है। इंदिरा विहार,रोज गार्डन,इको पार्क,कमाल नेहरू पार्क,मेडिकल कॉलेज मार्ग,बोन्दा टिकरा पुल, secl मरीन ड्राइव,गजमार पहाडी आदि उभरते प्रेमीयो के लिए लवर्स पाइंट बने हुए है।जहां अलसुबह से देर शाम तक जोड़े बेझिझक घूमते फिरते मस्ती करते नजर आते है। जिनपर किसी भी किस्म की रोकटोक,पूछ परख न होने से इनकी संख्या में इजाफा होता जा रहा है। यदि पुलिस इन लोगो से पूछ परख करे और उनके पालकों को तलब करे तो खराब होता माहौल सुधारा जा सकता है। शिव सैनिक भी महज 14 फरवरी वेलेंटाइन डे के दिन ही चमकते है बाकी समय वे क्या करते है। इसे अच्छी तरह से समझा जा सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार वनमंडल से अनुबंधित कुछ खबरनवीस अपने आका के आदेश पर पार्कों आदि में पेड़ो,मचानों पर छिपे रहते है एवं प्रेमी युगल के प्रेमालाप की फोटो,वीडियो बनाकर बाद मे ब्लैकमेल कर धन उगाही करते है। वैसे ही शाम होते साथ कमला नेहरू पार्क में जिस्मानी कारोबारी सक्रिय हो जाते है जो मोबाईल के द्वारा अपना कारोबार संचालित करते है। यह सब बातें जब आम इंसान जानता है तो पुलिस को जानकारी न होना कहना सफेद झूठ होगा हर एक गतिविधियों पर कप्तान निगाह रखकर कार्यवाही करवाये तो क्षेत्र रक्षकों की क्या उपयोगिता है।
लवर्स पाइंट एवं बेशर्मी के लिए टीपाखोल,रामझरना,केलो डैम,राबो डैम,पचधारी, सर्किट हाउस मार्ग, नदी के किनारे,आदि भी किसी रूप में कम नही है। इन जगहों पर परिवार के साथ जाना शर्मिंदगी के अतिरिक्त कुछ नही है। साँस्कृतिक नगरी के ऐसे संस्कार है जो मेहमानों की नजरों में सबको शर्मशार कर देते है।