🔴महज 1 घँटे में नेस्तनाबूद किया जा सकता था अतिक्रमण🔴 स्थगन आदेश लाने का पर्याप्त समय दिया गया था🔴 क्या सभी अधिकारियो,कर्मचारियों, जेसीबी के एक दिन का वेतन,किराया देगा अतिक्रमणकारी🔴पार्षद,भूमाफिया पर क्या कानूनी कार्यवाही की जायेगी🔴 वर्षो से कब्जे में रही जमीन का किराया वसूला जाना चाहिये🔴 देखिये तोड़फोड़ की कार्यवाही👇👇👇👇👇
रायगढ़——– शह- मात के चल रहे खेल पर निगम आयुक्त ने विजय जरूर प्राप्त कर ली परन्तु सामने वालो को अपनी बाजी बचाने के भरपूर अवसर प्रदान किये गए मगर शहर के चारो दिशाओं में अतिक्रमण करने के नाम से कुख्यात रोहड़ा इस बाजी में मात खा गया। क्षेत्रीय पार्षद,सत्तापक्ष की डोर,हाऊस का समर्थन इस दफे काम नही आया क्योंकि कबाड़ चोरी,रेत,कोयले की तस्करी,खेल सामग्रियों,फर्नीचरों की खरीदी में व्यापक गड़बड़ियां मिल रही है। इसलिए हर अवैध कार्यो में नाम आना चुनावो में मुद्दा बन सकता है।इसलिए सब से पल्ला झाड़ने में ही भलाई है। इतना सब होने के बावजूद जिला भाजपा की चुप्पी अध्यक्ष के विशुद्ध व्यवसाई होना माना जा रहा है। ढोल के अंदर बहुत बड़ी पोल होती है और सब उसी पोल में समाये है तो विरोध कर कौन पंगा ले,
निगम की 2 जेसीबी दिनभर में 1 अधूरे कच्चे निर्माण को नही तोड़ पाये तो पाकिस्तान, चीन से जंग जीतना एक दिव्य स्वप्न हो सकता है। या फिर अतिक्रमणकारियों को न्यायलय से स्टे आर्डर लाने के अवसर प्रदान किये गये थे,महीनों से मुख्य मार्ग पर किये जा रहे अतिक्रमण पर पार्षद या निगम अधिकारियो,कर्मचारियों की निगाह क्यो नही पड़ी,क्या 1 दुकान पाने के लालच में शहर के मास्टर प्लान पर स्याही उंडेलने का प्रयास तो नही है कहीं,
कचरा उठाने,मलमा सकेलने,खटारा ट्रैक्टरों को धकेलने में ही निगम की जेसिबियो की ऊर्जा,ताकत क्षय हो चुकी है। जिसका उदाहरण चक्रधननगर बस स्टैंड में निर्मित दुकान के अवैध निर्माण को ढहाने में देखा जा चुका है। तत्कालीन आयुक्त राजेन्द्र गुप्ता पूरे लाव लश्कर सहित अतिक्रमण तुड़वाने पहुंचे थे। जिसमें निगम की जेसीबी की मदद ली गईं थी और जेसीबी के लगातार प्रहार के बावजूद दुकान की ढ़लाई और छज्जा टस से मस नही हुआ तो,नाली के ऊपर बनी 4″ की दीवाल गिरवाकर जंग जीत ली गई मान लिया गया था। जिसके बाद निगम प्रशासन ने उस ओर नजर उठाकर देखना भी मुनासिब नही समझा और उक्त अवैध निर्माण को मानो छूट प्रदान कर दी गई थी। मजेदार बात यह है कि उक्त अवैध निर्माण भी महंगे क्षेत्र में है साथ ही निगम के तोड़ू दस्ता वाले भी वहीं आसपास ही निवास करते है और आंखे बंद कर उस स्थान से रोजाना आवागमन करते है।