🔴जनप्रतिनिधियों की मौन स्वीकृति तो नही🔴रींवा के पाड़े लोग सक्रिय है अवैध लाल ईंट के निर्माण एवं मुरुम के उत्खनन मे🔴राष्ट्रीय राजमार्ग 49 पर सड़क किनारे डाली जा रही फ्लाईएश🔴मानव जीवन पर पड़ रहा प्रतिकूल प्रभाव🔴विधायक,मंत्री की धौस पर हो रहा कारोबार🔴

रायगढ़—–संस्कार पब्लिक स्कूल बोन्दाटिकरा के प्रशासक स्वरूप राय ने मौखिक शिकायत पर कार्रवाई न करने की वजह से खनिज अधिकारी मीनाक्षी साहू को लिखित आवेदन देकर स्कूल के करीब हो रहे मुरम के अवैध उत्खनन एवं प्रतिबंधित लाल ईंट के भट्ठों पर कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। गौरतलब है कि स्कूल की बाउंड्रीवाल से सटी जमीन को लगभग 4 फिट गहराई तक खोद कर अवैध उत्खनन कर मुरुम बेच खाई है। इस उत्खनन से स्कूल की बाउंड्रीवाल कमजोर हो गई है। जो कभी भी अचानक ढह सकती है। जिस वजह से स्कूली बच्चों की जिंदगी पर खतरा उतपन्न हो गया है। इसके साथ ही नजदीक ही माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा प्रतिबंधित लाल ईंट के भट्ठे का संचालन भी किया जा रहा है। जिस वजह से कोयले की छाई,धान का कोहड़ा,राख उड़ने से ग्राम वासियो के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

विदित रहे कि खरसिया एवं रायगढ़ विधानसभा क्षेत्रों में खुलेआम अवैध गतिविधियां संचालित हो रही है। जिसमे फ्लाईएश की डंपिंग,लाल ईंटों के भट्ठे,कबाड़,रेत,कोयला आदि है। इनके कारोबारी अपने आप को मंत्री,विधायक के करीबी एवं चुनावी चंदा देने वाले बतलाते है। जिस वजह से सम्बंधित विभागों के अधिकारी के हाँथ-पांव कार्रवाई करने के नाम पर फूल जाते है और वे सूरदास बन जाते है।
सुप्रीम कोर्ट, एन जी टी के आदेशों की उड़ा रहे धज्जियां–खनिज, पर्यावरण,राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग सो रहा कुम्भकर्णी नींद—-लगता है जिले में उक्त विभाग है ही नही क्योंकि आजतक इन विभागो ने किसी एक पर भी कोई ठोस कार्रवाई नही की जबकि कई बार फोटो,स्थान,नाम सहित समाचार प्रकाशित किये जा चुके है यदि अब भी कोई कार्रवाई न होगी तो मामले को सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया जायेगा। खनिज,पर्यावरण, राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग का कच्चा चिट्ठा न्यायलय को सौपा जायेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद नालों,खेतो,तालाबो,सड़क किनारे फ्लाईएश डंपिंग कर आदेशो की अवहेलना की जा रही है। एन जी टी के निर्देश के तहत किसी भी ग्राम पंचायत में फ्लाईएश डंप नही की जा सकती। जिन ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने फ्लाईएश डालने पर अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया है। उनपर भी कानूनी शिकंजा कसा जाना चाहिए एवं उनको पदच्युत किया जाना चाहिए। उक्त सरपंचों की शिकायत पंचायत मंत्री से भी की जानी चाहिए।
पूर्व में सारंगढ पुलिस ने गुडेली,टीमरलगा के क्रशरों पर कार्रवाई कर खनिज विभाग को आईना दिखला दिया था परन्तु थाना प्रभारी का स्थानांतरण होते ही खनिज विभाग की फिर से बल्ले बल्ले हो गई। पुलिस द्वारा सील किये गए क्रेशरों को फिर से संचालित करने का अवसर प्रदान कर दिया। ज्ञात रहे कि बंद पड़े क्रशरों की भी टी पी पर्ची अन्य क्रशर वाले विभागीय कर्मचारियों को मोटा चढ़ावा देकर हासिल करके अपना और विभाग का पेट पालते है।









