🔴क्रेडा का दफ्तर में हो रहा जल,बिजली का खुलकर दुरुपयोग🔴 अडोस पड़ोस की गाड़ियों की हो रही है धुलाई (वाश)🔴
संवेदनशील कलेक्टर भीम सिंह के मातहत अधिकारी अपनी मनमर्जी के चरम पर है। सप्ताह के कार्य दिवसों में भी अपने दफ्तरों से नदारद पाये जाते है। अधिकारियों के सेटर से पूछने पर कभी दौरे तो कभी रायपुर जाना बतलाया जाता है। जिससे दूर दराज से आये ग्रामीण लोगो को समय एवं आर्थिक हानि उठाने के साथ ही मानसिक तनाव भी झेलना पड़ता है। सभी कार्यालय वीरानी की चादर ओढ़े अपनी अव्यवस्था पर आंसू बहाते है। दफ्तरों के सभी उपकरण लगभग चालू हालत में रहते है। जिससे लाईन लास भी होती है और आसपास के विद्युत ट्रांसफार्मरों में हर समय तकनीकी फाल्ट होता रहता है और दूसरी तरफ विद्युत विभाग के कर्मचारी गरीब लोगों को दुखी कर अपनी पीठ थपथपाते है। यदि कलेक्टर भीम सिंह सभी विभागों का औचक निरीक्षण करें तो लगभग 80% विभाग के अधिकारी शो काज नोटिस या निलम्बन की सजा के हकदार बन सकते है। अक्षय ऊर्जा विभाग में जातिय आरक्षण के आधार पर नियुक्ति पाने वाले अधिकारी बेलगाम रहते है। यहां सालभर में करोड़ो रूपये की बैटरी,सोलर पैनल कबाड़ के रूप मे तब्दील हो जाते है। सरकारी दफ्तरों में चाटुकारो की मंडली घूमती फिरती रहकर अपना 2,4,5 सौ का जुगाड़ कर लेती है। नगर एवं ग्राम निवेश,औद्योगिक श्रम एवं सुरक्षा, उद्यान,कृषि,पंजीयक,लोक निर्माण,रेशम,मंडी,आबकारी,खाद्य,आदिम जाति, आर ई एस,हस्त शिल्प,बीज निगम,कृषि विश्वविद्यालय,सभी नगर पंचायत,सभी ग्राम पंचायत, पुरातत्व,सभी उप स्वास्थ्य केंद्र,आदि विभाग भ्र्ष्टाचार की पहचान बन चुके है।जहां बगैर किसी हस्तक्षेप के भ्र्ष्टाचार का परनाला बहता है। कांग्रेस सरकार के शासनकाल मे अधिकारी वर्ग बेलगाम हो जाते है। जिनका एक ही मकसद प्रदेश के मुखिया को खुश रखना होता है। आरक्षण के आधार पर नौकरी पाये लोग अनपढों की तरह आचरण रखते है। जिन्हें किसी का डर,भय,ख़ौफ नाममात्र भी नही होता। जिसका उदाहरण निगम में निलंबित इंजीनियर सारथी है। जो बार बार निलम्बन के पश्चात पुनः बहाल हो जाते है। इस विषय पर पूर्व में भी लिखकर कलेक्टर का ध्याना कर्षण करवाया जा चुका है कि अधिकारी वर्ग सप्ताह में बमुश्किल से गुरुवार,शुक्रवार 2 दिन ही रुआंसे से होकर कार्य करते पाये जाते है। सोमवार,बुधवार वीसी तो मंगलवार टी एल का सशक्त कारण बना दिये जाते है। सोमवार को रविवार की खुमारी नही उतरती,महीने में 4 शनिवार को गॉड गिफ्ट अवकाश मान लिया जाता है। कार्य दिवसो में अनुपस्थित रहने का ठीकरा भी कलेक्टर मीटिंग के नाम पर थोप दिया जाता है। तहसील कार्यालय में पटवारी,आर.आई को चाय,भजिया खाते और मस्ती करते देखा जा सकता है। वे दिनभर इसी गुनते बाड़ा में लगे रहते है कि कौन सी शासकीय जमीनों पर रसूखदारों को कब्जा करवाया जाए और अपनी जेबें गर्म की जाये।