रायगढ़—– शहर एक बार पुनः अपनी गतिविधियों के कारण से सुर्खियों में आ गया है। विदित रहे कि लाकडाउन के समय से ही “रिजर्व सेवन” की बिक्री को लेकर दबी जुबान से शिकायतें की जाती रही थी परंतु कांग्रेस एवं भाजपा ने मुखर होकर 180₹ की शराब 4000/-रुपये प्रति बॉटल के रूप में लगभग 3 ट्रक माल खपा देने के बावजूद कोई विरोध प्रकट नही किया और न ही मीडिया ने इसपर कोई कलम चलाई। जिससे शराब सप्लायर्स के हौसले बुलंद हो गए और वे शहर की घनी आबादी के बीच किराये पर कई कमरो का मकान लेकर अन्य प्रांतों से सस्ते ब्रांड की शराब लाकर ऊंचे ब्रांड की खाली शीशियों में भरकर आसपास के होटलों एवं ढाबो में सप्लाई करने लगे। इन लोगो ने बाकायदा कई ब्रांडेड शराब कम्पनियो के बिल्ले, ढक्कन लगाने के लिए मशीन तक लगा रखी थी। आबकारी की छापेमारी के दौरान विकासनगर निवासी किसी “विनय सिंह” का नाम सामने आया जो कि रेल्वे बंगलापारा स्थित किसी रवि सिंह के मकान को किराए पर लेकर अवैध बॉटलिंग का कार्य करता रहा। गौरवतलब है कि विनय सिंह के स्थानीय होने के बावजूद रवि सिंह के द्वारा मकान किराये पर देना भी संदेह के दायरे में आता है एवं इतने बड़े पैमाने पर अवैध शराब का कारोबार संचालित होने पर भी मकान मालिक की अनिभिज्ञता हजम करने वाली बात नही है।
आज आबकारी विभाग ने कारवाई कर पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खडे कर दिए। इस छापेमारी की गूंज रायपुर के राजनीतिक गलियारों तक जा पहुंची। पुलिस महानिदेशक दुर्गेश माधव अवस्थी ने अविलंब संज्ञान लेते हुए। रायगढ़ कोतवाली में पदस्थ एक इंस्पेक्टर एवं एक सहायक इंसपेक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए। डी जी पी के स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी थाना क्षेत्र में अवैध शराब,सट्टे,जुए,कबाड़,तस्करी के पकड़ाए जाने पर सम्बन्धित थाना प्रभारी को कसूरवार माना जायेगा एवं उसपर विभागीय कार्रवाई की जायेगी। बावजूद इसके 12 माह से कोतवाली थाना क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार राजनीतिक संरक्षण में निर्बाध गति से संचालित होता रहा है। जिसपर रायपुर में बैठे जनप्रतिनिधियों का हाथ होना माना जा रहा है। दबी जुबान में चर्चा है कि अवैध शराब से हुई करोड़ो की कमाई पर बंटवारे को लेकर नाखुश किसी मंत्री के इशारे पर छापेमारी की गई।इस छापेमारी से कई रसूखदारों के नाम सामने आने की सम्भावना से इंकार नही किया जा सकता। रशुखदारो की हाजरी भी सभी थाना क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी फुटेज से देखे जा सकते है।
आबकारी अमले की कार्रवाई में 199 लीटर अंग्रेजी शराब,कई बोरो में भरी ब्रांडेड कम्पनियों की खाली बोतलें,20000 नग ब्रांडेड कम्पनियो के ढक्कन,बिल्ले,सीलबंद करने की मशीनें, झारखण्ड,ओडिसा की शराब आदि जप्त की गई। किरायेदार विनय को फोन लगाने पर उसके द्वारा फोन नही उठाना बतलाया जा रहा है। उसके फरार होने या अपने आकाओं की शरण मे रायपुर भागने की चर्चा आम हो रही है। अब देखना यह है कि विपक्ष पार्टी भाजपा इस मामले को किस कदर भुनाती है या फिर हमेशा की तरह से मुंह पर मास्क लगा लेती है।