रायगढ़— एक बार फिर से कोरोना संक्रमण से प्रभावित बढ़ते मरीजो के आंकड़ो से आमजनता असमंजस की स्थिति में है। सरकार में उच्च पदों पर बैठे लोग 5 राज्यो में हो रहे विधानसभा को लेकर धड़ाधड़ रैलियां कर,भीड़ इकट्ठी कर रहे है। शायद इन 5 राज्यो में न घुसने के लिये कोरोना एवं केंद्र सरकार के बीच अनुबंध किया जा चुका है। जिन राज्यो में कोरोना तांडव मचा रहा है। उससे व्यापार जगत के लोगो खासकर गल्ला,पान मसाले के व्यवसाइयों के सामने विकट स्थिति पैदा हो गई है। वे ब्लैकमेलिंग के लिए खाद्यान्नो का स्टॉक करे तो मरे न करे तो मरे की सोच में लगातार प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों के प्रत्येक प्रोटोकॉल पर नजरें जमाये हुए है। कुछ समय के लिए सामानों की खरीदी पर सौदा कर जुआ खेला जा चुका है।
खेला होबे खेला को देखते हुए चुनाव के बाद प्रधानमंत्री कुछ घोषणाए कर सकते है। हावड़ा की ओर जाने एवं आने वाली फ्लाइटों, ट्रेनों,वाहनों पर पाबन्दी लगा सकते है।
लाकडाउन से चरमराई अर्थ व्यवस्था समानो की बढ़ती कीमतों का कारण है देश मे पूर्व में लगे लाकडाउन की वजह से सभी समानो की कीमतों में उछाल आने की वजह से घरों का बजट गड़बड़ाया है। लोगो के चेहरों पर पहले की तरह खुशी नही रह गई है। प्रत्येक नागरिक असमंजस की स्थिति के दौर से गुजर रहा है। कोरोना से निपटने के लिए व्यक्ति को खुद को जागरूक होना पड़ेगा। उन्हें सरकार की द्वारा बनाई गई सभी गाइडलाइंस का पालन करना होगा। पुलिस प्रशासन को हाँथ खोलने की छूट देनी पड़ेगी। बेवजह घूमने फिरने वाले लोगो पर सख्ती से निपटने के आदेश देने होंगे। पर्याप्त पुलिस बल न होने की वजह से आबकारी,वन,राजस्व,जेल,शिक्षा,स्वास्थ्य, नगर पालिक, निगम आदि विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों को जिमेदारी सौपी जानी चाहिए। समाजसेवी संस्थानों की मदद लेकर चलान आदि करने के कार्य सौपे जाने चाहिए। बाजारों,दुकानों,फ्लाइटों, बसों,ट्रेनों के परिचालन को रोकना शायद बुद्धिमानी नही हो सकती।







