जिले में कोरोनाकाल में रविवार को टोटल लॉकडाउन लागू रहने और सप्ताह के सातों दिन पर्यटन स्थलों पर लगी पाबंदी के बावजूद जिले के प्रसिद्ध अमृतधारा जलप्रपात में एसईसीएल की बड़ी बैठक रखी गई। जिला पंचायत के जिला संसाधन केंद्र में यह बैठक हुई जिसमें एसईसीएल के बिलासपुर मुख्यालय से आये डायरेक्टर फाइनेंस के अलावा एसईसीएल के सभी क्षेत्रों से आये क्षेत्रीय वित्त प्रबंधक मौजूद थे।
बैकुण्ठपुर एसईसीएल ने बैठक की व्यवस्था अमृतधारा में की थी जिसमें कुछ अधिकारी परिवार लेकर भी पहुँचे थे। इसके लिए वन विभाग का विश्राम गृह भी खुला हुआ था। जब इस तरह के बैठक की जानकारी मिली और मीडियाकर्मी वहां पहुँचे तो एसईसीएल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। जब प्रबंधन से बैठक की अनुमति को लेकर पूछा गया तो उन्होंने तीन हजार रुपए जमाकर जिला पंचायत से अनुमति लेने की बात कही पर आदेश की कॉपी नहीं दिखा सके।
वहीं जब कैमरे पर वर्जन देने के लिए कहा गया तो अधिकारियों ने अधिकृत नहीं होने का हवाला दे दिए। सवाल उठना लाजिमी है कि इस तरह कोरोनाकाल में बैठक के साथ जलपान लंच और हाई टी की व्यवस्था जब यहां हुई है तो सोशल डिस्टेंस का भी कितना पालन हुआ होगा। इतना ही नहीं जिम्मेदार कई अधिकारी यहां बिना मास्क पहने ही नजर आए। ऐसे में जिला प्रशासन के द्वारा दी गई अनुमति को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।