
रायगढ़ टूटी कलम— पिछले शनिवार को बगैर आंधी,तूफान,अंधड़,हवा चले भोर 3 बजे रविशंकर शुक्ल मार्केट मनीष इलेक्ट्रिक के सामने हरे भरे पत्तो से आच्छादित लगभग 100 वर्ष पुराने पीपल के वृक्ष गिर जाने या गिराए जाने की वजह से सोशल मीडिया पर भारी भर्त्सना की गई थी। निगम के ठीक सामने उक्त हरे भरे पेड़ के गिर जाने को लोग साजिश करार दिए क्योंकि गिरे पीपल वृक्ष के पीछे किसी सेठ के कपड़े के कपड़े का 3 मंजिला शोरूम निर्माणाधीन है। जिस वजह से अप्रत्याशित रूप से गिरने वाले वृक्ष की घटना को प्राकृतिक घटना होना नही माना जा सकता। इस घटना से आहत होकर जन कारवां के यशवंत खेदुलकर ने कलेक्टर के दरबार मे जांच करवाने हेतु आवेदन दिया था। जिसपर संज्ञान लेते हुए अनुविभागीय अधिकारी युगल किशोर उर्वशा ने निगम आयुक्त जयवर्धन को जांच करने के लिए पत्र लिखा है। अब यह देखना है कि जयवर्धन अपनी जांच रिपोर्ट में भवन मालिक को गुनाहगार करार देते है या फिर प्रकृति को ? पेड़ गिरने से टूटे डिवाइडरों की क्षतिपूर्ति क्या सेठ से वसूली की जायेगी ? प्रथम दृष्टया यह पाया गया था कि पीपल वृक्ष के चारों ओर से 2 फिट मिट्टी हटाकर वृक्ष की जड़ो को कमजोर कर कोई रसायन डाला गया था ताकि वृक्ष खुद ब खुद गिर जाए। ऐसा भरोसेमंद सूत्रों का मानना है। गनीमत तो यह रही कि वृक्ष अलसुबह धराशाई हुआ अन्यथा रेलमपेल मचे इस मार्ग पर सुबह,दोपहर,शाम वृक्ष गिरता तो भारी जनहानि हो सकती थी। टूटी कलम समाचार
