टूटी कलम रायगढ़—- महापौर ने न जाने किन कारणों से एमआईसी के 3 सदस्यों का निष्कासन कर दिया था? जिस वजह से निगम की राजनीति में दिखावे सरीखा भूचाल सा ला दिया गया था। निष्कासित 3 सदस्यों के पक्ष में 4 अन्य सदस्यों ने भी अपने इस्तीफे दे दिए थे फलस्वरूप एमआईसी का औचित्य स्वमेव समाप्त हो गया था। जिसके बाद महापौर ने रायपुर दौड़ लगाकर नगरीय प्रशासन मंत्री से समाधान करने के लिए निवेदन किया। रायपुर से कोई समाधान न मिलने पर रायगढ़ कांग्रेस के चाणक्य विधायक प्रकाश नायक से मार्गदर्शन मांगा गया तब नायक ने गेंद केबिनेट मंत्री उमेश पटेल के पाले में डाल दी। जिसका परिणाम यह हुआ कि प्रकाश नायक के चहेतों को मंत्री मंडल में स्थान दे दिया गया।
आखिर यह सब मंचन महापौर किसके इशारे पर किया ? जिन लोगो को बाहर का रास्ता दिखलाया गया था। वे क्या अब आपस मे एक दूसरे के प्रति पहले सरीखे विश्वास रख पाएंगे ? शौक़ी बुटान,कमल पटेल,लक्ष्मी साहू क्या कांग्रेस के प्रति आस्था रख सकेंगे ? क्या लक्ष्मी साहू भाजपा में प्रवेश कर जाएंगे ? आदि कई प्रश्न है जो उठ खड़े हुए है। कुल मिलाकर इस एपिसोड से रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक का कद जरूर बढ़ गया है। उन्होंने ने जतला दिया कि विधायक आखिर विधायक होता है। उनकी सहमति के बगैर पार्टी में पत्ता भी नही डोल सकता। केबिनेट मंत्री तक को भी उनके कार्यालय में आना पड़ गया। जो इस बात का परिचायक है कि जिला मुख्यालय का विधायक बहुत पावरफुल होता है अगर सोचा जाये तो ?
राजस्व विभाग महापौर के अधीन— नई एमआईसी गठन के पश्चात विभागों के बंटवारे में भी राजस्व सरीखा महत्वपूर्ण विभाग महापौर के अधीन रहेगा। जो किसके इशारे पर क्रियाशील होगा यह विवेकशील लोगो को समझने के लिए काफी है।