अवैध कबाड़ से लदे वाहनो को पुलिस प्रतिदिन पकड़ रही है। मगर कठोर कदम न उठाये जाने की वजह से वाहनो को न्यायलय से सुपुरदनामे में छोड़ दिये जाते है एवं ड्राईवर, खलासी 2 दिन में ही छूटकर जेल से बाहर आ जाते है एवं पुनः अपने इन्ही कार्यो में लग जाते है। टूटी कलम समाचार
आजतक वहानो को राजसात करने का कोई भी मामला सामने नही आया है। जब पकड़े गए वाहन में चोरी का कबाड़ लदा पाया जाता है तो पुलिस को भी चाहिए कि राजसात का मामला कायम कर डायरी न्यायालय में पेश करे ताकि माननीय न्यायालय को भी राजसात करने के आदेश जारी करने में सहूलियत महसूस हो सके।टूटी कलम समाचार
पुलिस के बताये अनुसार लाखो रुपयों का अवैध कबाड़ आखिर कहां रखा जाता है ,उसका निपटारा कैसे किया जाता है। यह एक विचारणीय मुद्दा है। यदि लदे कबाड़ सहित वाहन छोड़ दी जाती है तो फिर पकड़ने,जप्ती करने से क्या फायदा होता है ? क्यो जबरन का पुलिस अपनी ऊर्जा व्यर्थ कर समय जाया करती है ? चोरी के कबाड़ के सन्देह में जब पुलिस वाहन पकड़ती है तो बाद में वाहन मालिक वैध कागजात पेश कर पुलिस के द्वारा की गई मेहनत, पाई गई शाबासी पर पानी फेर देता है। कागजात पेश करने पर पुलिस बगले झांकने के अतिरिक्त कुछ नही कर सकती। वाहनो के मालिक इतने कच्चे खिलाड़ी नही हो सकते जो सैकड़ो किलोमीटर दूर कई प्रदेसो की सीमाओं को पार कर अवैध कबाड़ खपाने रायगढ़ भेजकर 1 लाख,2 लाख ₹ ? के कबाड़ के चक्कर मे अपने लाखो रुपये की कीमत के वाहनों को कानूनी दांवपेंच में फंसा दे।टूटी कलम समाचार
पुलिस को चाहिए कि रायगढ़ जिले में कुकुरमुत्ते की तरह से उग रहे कबाड़ियों पर अपना शिकंजा कस कर रखे। शहर के चारो दिशाओं में दिखावे के लिए ढाबे खोल दिये गए है। जिसकी आड़ में हर तरह के अनैतिक कार्य डंके की चोट पर किये जाते है। शराब,गांजा,अफीम,ढोढा, नारी जिस्म,कोयला,डीजल,नये टायर,मोबिल, आदि तरह,तरह के कार्य कर ढाबे गुलजार एवं ढाबे के मालिक लाल हो रहे है। एवरेस्ट सीमेंट फैक्ट्री,वीसा पावर,हेक्सा पावर के खड़े स्ट्रक्चर इस बात के प्रमाण है कि कबाड़ियों ने मिलीभगत कर करोड़ो रूपये के कबाड़ इन फैक्ट्रीयो से काटकर खपा दिए गए है और खपाये जा रहे है। जिस वजह से सिर फुटौवल होते रहते है और हत्या सरीखे गम्भीर घटनाएं भी घट चुकी है। जिनका खात्मा भी सम्बन्धित थाना क्षेत्रों के प्रभारियों द्वारा दबा दिया जाता है। अपराधियों का थानों में आना जाना,थाना प्रभारीयो से गलबहियां आसानी से देखी जा सकती है। टूटी कलम
लोहे के कबाड़ के समानों को गलाकर नया रूप देकर प्रोडक्ट तैयार कर बेचे जाते है। कबाड़ियों के द्वारा 1,2,5 दस किलो लोहे के कबाड़ खरीदकर एकत्रित किया जाता है। जिसे एकत्रित कर लोहे की फैक्ट्रियों में बेचा जाता है। अब इस तरीके से कबाड़ एकत्रित करने वालो के पास खरीदी का बिल तो मिलेगा नही तो फिर पुलिस को किस तरह का वैध कागजात मांगती है ? बिल्टी पर्ची जरूर ट्रक ड्राइवरों के पास होनी चाहिए कि माल को कहां से लोड किये है और कहां अनलोड करना है। इसके लिए फैक्ट्री प्रबंधन जवाबदेही होना चाहिए कि उन्होंने कबाड़ किस मार्फ़त खरीदा है। वो चोरी का है या वैध है। इसका उत्तर बेचने एवं खरीदने वाले ही दे सकते है। ड्राईवर या खलासी नही