रायगढ़: सड़क में गड्ढे या गड्ढों में सड़क…? टूटी सड़क और धूल का गुबार बना मुसीबत…जनप्रतिनिधियों की खामोशी और अधिकारियों का दंश झेल रहे जिलेवासी..!

रायगढ़। औद्योगिक विकास के ख्वाबों के बीच तमनार क्षेत्र की बदहाल सड़क व्यवस्था झकझोरती है। यूं तो कहे तो तमनार क्षेत्र में अदानी, जिंदल,अंबुजा सीमेंट ,हिंडालको जैसी बड़ी- बड़ी कंपनियां स्थापित है परंतु सभी कंपनियां अपनी जिम्मेदारीयों से कोसों दूर नजर आती हैं। सड़कों पर बन चुके गड्ढे और वाहनों के परिवहन के बीच उड़ने वाली धूल से लोग बाग परेशान हो चुके है।टूटी कलम समाचार
औद्योगिक नगरी रायगढ़ कहलाने वाली जिले के ज्यादातर सड़कें बारिश के बाद सिसकती हुई नजर आ रही है सड़क पर बन चुके बड़े-बड़े गड्ढे सड़क की बदहाल व्यवस्था का गवाह बन रहे हैं। कहीं-कहीं तो यह आलम है कि पूरी सड़क ही गायब हो गई है, बस उसके कुछ अवशेष बचे हैं वह बताते हैं कि यहां पहले कभी सड़क हुआ करती थी। टूटी कलम समाचार
टूटी सड़कों पर दर्द दे रहे गढ्डे
रायगढ़ से तमनार की ओर जाने वाली मुख्य मार्ग भी अपने बदहाल व्यवस्था पर आंसू बहा रही हैं। टूटी सड़कों पर बन चुके बड़े-बड़े गड्ढे सड़कों के दर्द बढ़ा रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र में जाने वाली मुख्य सड़क भी गड्ढे में तब्दील हो गई है। सड़को की बदहाल व्यवस्था के चलते लोग बाग आए दिन अपना जान गवा रहे हैं। ट्रकों की कमानी भी टूट रही है और टायर भी फटने लगें हैं। टूटी कलम समाचार

सड़कों पर उड़ने वाली धूल से घुटने लगा है दम-
रायगढ़ से मिलुपारा की ओर जाने वाली सड़क भी टूट गई है। नहर पुल पर भी गढ्डा हो गया है। हुँकराडिपा से हमीरपुर जाने वाली मार्ग भी गड्ढे में बदल गई है। इन मार्ग पर जाने के लिए लोगों को धूल से सरोबोर होना पड़ता है। टूटी सड़कों पर उड़ने वाली धूल से प्रदूषण बढ़ रहा है। उद्यमी हों या श्रमिक और अन्य कार्मिक, सभी परेशान हैं। टूटी कलम समाचार
अंधेरे में बढ़ गया है दुर्घटनाओं का खतरा
सावधानी हटी दुर्घटना घटी! यह वाक्य रायगढ़ जिले की बदहाल सड़क व्यवस्था पर और भी अधिक लागू होती है क्योंकि रात्रि के वक्त जब अंधेरा रहता है। तब गड्ढों में तब्दील हो चुकी सड़कें, और भी ज्यादा खतरनाक हो जाती है। अंधेरे के वक्त सड़क के बड़े बड़े गड्ढे का पता नहीं चल पाता है और लोग बाग अपना संतुलन खो बैठते हैं। जिससे अक्सर सड़क दुर्घटनाएं सामने आती है। टूटी कलम समाचार

कंपनी कर्मी के साथ ग्रामीण हो रहे हैं परेशान
उद्योगों में काम करने वाले कर्मियों ने बताया कि जब शाम के वक्त काम खत्म कर घर जाते हैं। तब उन्हें अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रात के वक्त बड़ी वाहनों के गुजरने के बाद सड़क धूल से भर जाती है और सामने कुछ नजर नहीं आती। जिससे रास्तों में बन चुके बड़े-बड़े गड्ढे नहीं दिखते हैं और अक्सर दुर्घटनाएं घटित होती है। टूटी कलम समाचार

मजबूरी की वजह से जान जोखिम में डालकर करना पड़ रहा है परिवहन–
धौराभाठा क्षेत्र के रहवासियों ने बताया कि अगर उन्हें हमीरपुर से होकर उड़ीसा की ओर जाने की आवश्यकता पड़ती है तो उन्हें खुद की जान को दांव में लगाना पड़ता है! क्योंकि खुरुसलेंगा, लमडांड की सड़कें पूरी तरह से खराब हो चुकी है ! सड़कों के बीच खाई नुमा गड्ढे व वाहनों के परिवहन से उड़ने वाली धूल से सरोबोर होकर उन्हें इस सड़क से गुजरना पड़ता है। टूटी कलम समाचार
सोशल मीडिया में लोग निकाल रहे हैं भड़ास–
सोशल मीडिया में इन दिनों लोगों के द्वारा खराब सड़क को लेकर स्थानीय नेताओं को कोसते हुए नजर आ रहे हैं। कोई नेताओं को घूसखोर कह रहा है तो कोई उन्हें वोट मांगने के समय बड़े बड़े झूठे वादे करने की बात कह रहे है। टूटी कलम समाचार
शहर के अंदर भी सड़कों पर बन चुके हैं गड्ढे–
बात की जाए शहर की सड़कों के बारे में तो यहां भी बदहाली का आलम किसी से छुपा नहीं है। सड़कों के ठीक बीचो बीच घुटने भर के गड्ढे हादसों को न्योता दे रहा है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सड़कों पर गड्ढे बन चुके हैं जिनकी मरम्मत कराने के लिए कोई जिम्मेदार नजर नही आ रहा है। टूटी कलम समाचार
बारिश में सबसे ज्यादा बुरा हाल है— यदि इंद्रदेव मेहरबान होकर बारिश कर देते है तो समझो पूरी सड़के पोखरों में बदल जाती है। वाहन चालकों को यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है कि सड़क पर आगे गढ्ढा है कि खाई है? सड़क पर कीचड़ इतना अधिक हो जाता है कि बाईक सवार फिसल फिसल कर गिरकर चोटिल होते रहते है तो,बड़े एवं भारी वाहन फिसलते हुए अपने आप आगे बढ़ जाते है या फिर कीचड़ में फंस जाते है। वहानो में चिपकने वाले कीचड़ के कारण से वाहनों का वजन भी काफी अधिक बढ़ जाता है। जिस वजह से कोयले,आयरन की हेराफेरी करने में आसानी हो जाती है। टूटी कलम समाचार

नाम न छापने की शर्त पर कुछ ग्रामो के सरपंचो एवं ग्रामीणों ने बतलाया कि स्थानीय विधायक ने चुनाव के समय वोट मांगते समय शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली,पानी,सड़क आदि की समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया था परन्तु चुनाव जीतते ही वे पलट गए एवं उद्योगपतियों,बड़े ठेकेदारों,व्यवसाइयों एवं सेठों की कठपुतली बन कर रह गए। जन सरोकार से दूर केवल इन्ही के इशारों पर चल रहे है। क्षेत्र वासियो ने उदास होते हुए कहा कि इससे बेहतर तो “राठिया दम्पति” को ही विधायकी सौप दी जाती ताकि विपक्ष में होने पर भी विकास का पहिया घूमता रहता भले ही मंथर गति से घूमता। टूटी कलम समाचार