टूटी कलम रायगढ़… जैसे जैसे महाराजा अग्रसेन जी की जयंती नजदीक आते जा रही है। वैसे वैसे समाज से अलग थलग रहने वाले पूर्ण समाजिक होने का दावा ठोकने लगे है।सदा से दूरी बनाकर रखने वाले लोग अपनी अपनी दावेदारी पुख्ता करने के लिए बजरंग-सुनील के दरबार मे हाजिरी बजाकर अपने लिए कोई न कोई पद सुनिश्चित करते दिखलाई पड़ रहे है। एक गुट ने अग्रसेन भवन में 8 सितंबर को तो दूसरे गुट ने 11 सितंबर को अग्रोहा भवन में बैठक आयोजित कर अनिश्चितता की स्थिति बना दी है। कुछ परम्परागत चाटुकार दिन में बजरंग तो रात में सुनील के सांथ देखे जा सकते है। टूटी कलम समाचार
व्यवसाइयों की तरह से की गई थी लिखापढ़ी.. पिछले वर्ष भी अग्रसेन जयंती को लेकर आपसी रस्साकशी देखने को मिली थी परन्तु समाज के प्रतिष्ठित लोगो ने आपसी सुलह करवाकर शपथपत्र निष्पादित करवा लिया था कि अगले वर्ष अग्रसेन जयंती के अध्यक्ष पूर्व सभापति नगर पालिका निगम रायगढ़ के सुरेश गोयल होंगे। इधर अग्रसेन जयंती के पूर्व एक गुट ने पाशा फेंक दिया कि निर्वतमान अध्यक्ष मुकेश मित्तल क्लानोरिया के त्यागपत्र के बाद अग्रसेन सेवा संघ की सारी जवाबदारी उपाध्यक्ष बजरंग अग्रवाल निभाएंगे एवं अग्रसेन जयंती भी इन्ही के दिशा निर्देशो में सम्पन्न करवाई जायेगी। समाज मे आपसी शपथपत्र-इकरारनामे पर कई लोगो ने हस्ताक्षर भी किये थे परन्तु लोग अब इस शपथपत्र को मानने को तैयार नही है। टूटी कलम समाचार
कोविड 19 के कारण न हो सकने वाली अग्रसेन जयंती को मनाने की व्यापक सोच.. कोरोना महामारी के कारण पिछले 2 वर्षों से अग्रसेन जयंती का कार्यक्रम भी धूमधाम से नही मनाया जा सकने के कारण समाज के लोग चाह रहे है कि इस दफे महाराजा अग्रसेन जी की जयंती ऐतिहासिक रूप से आयोजित कर पिछले वर्षों की कमी की भरपाई भी कर ली जाये। इस दिशा में मंथन,बैठकों,एक दूसरे का समर्थन जुटाने का दौर चल पड़ा है। जिसमे बजरंग-निर्मल की जोड़ी को व्यापक समाजिक समर्थन मिलने से इंकार नही किया जा सकता। टूटी कलम समाचार
बड़े बुजुर्गों को संभालना पड़ेगा आपसी खींचतान को….दो तरफ से चल रही रस्साकशी को समाज के बड़े बुजुर्गों के मार्गदर्शन पर संतुलित करना निहायत आवश्यक है अन्यथा एक बार दो अग्रसेन जयंती मनाने की नींव पड़ जाएगी जो आने वाले समय के लिए भी उचित नही होगी। इस लिए एक बार समाज के बड़े-बुजुर्गों प्रतिष्ठित लोगो को आमंत्रित कर उनसे मार्गदर्शन लिया जाना चाहिए ताकि समाज मे एका बनी रह सके एवं मजा लेने वालों को मौका न मिल सके। 70 वर्ष से ऊपर आयु वाले बुजुर्गों का आशीर्वाद जिसे प्राप्त होगा। उसे ही अग्रसेन सेवा संघ एवं महाराजा अग्रसेन जयंती का माना जाना चाहिए। टूटी कलम समाचार