@टिल्लू शर्मा टूटी कलम डॉट कॉम#….कल रायगढ़ जिले के अविभाजित शहर पत्थलगांव में दुर्गा विसर्जन करने जा रहे भक्तों की भीड़ में तेज रफ्तार से दौड़ती मौत रूपी क्वांटो महिंद्रा कार अनियंत्रित हो जा घुसी। जिस वजह से इंसानी काया उड़ते पत्तो की तरह से उड़कर जमीन पर धराशायी हो गए। जिसमे 2 दर्जन से अधिक लोग शिकार हुए। मौके पर ही शहर के 21 वर्षीय युवक गौरव अग्रवाल की मौत हो गई एवँ 5 लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए थे। जिन्हें बेहतर चिकित्सा के लिए रायगढ़ जिला चिकित्सालय रिफर किया गया। वहीं इस घटना के बाद तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी। पत्थलगांव शहर के लोग आक्रोशित होकर बाजार को बंद कर मृतक के परिजन को 50 लाख रुपये की सहायता राशि देने पर अड़ गए। जिसके बाद देर शाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 50 लाख रुपये देने की घोषणा की तब जाकर लोगो का आक्रोश शांत हुआ। टूटी कलम
भाजपा ने पलटा पाशा… मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा करते ही विपक्ष भाजपा ने अपने विरोध प्रकट करने के तरीके को भी बदल डाला। भाजपाई अब मृतकों के लिए 1-1 करोड़ रुपये एवँ घायलों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की मांग कर अपना दखल बनाये रखकर सहानुभूति पाने की राजनीति पर उतारू हो गई है। टूटी कलम
सौहार्द्र बिगाड़ने का प्रयास असफल रहा….जिस तरह की हृदय विदारक घटना हुई थी। उसको लेकर कई वेब पोर्टल वाले एवं राजनीतिज्ञ लोगो की दिली चाह थी कि उक्त दुर्घटनकारक वाहन का चालक एवं मालिक किसी अन्य धर्म से सम्बंधित निकल जाए परन्तु मां जगत जननी की कृपा से ऐसा कुछ नही हुआ। शायद किसी वेब पोर्टल में अन्य मजहब के ड्राइवर का नाम डाला गया था परन्तु मौके की नजाकत भांपते ही उक्त वेब पोर्टलधारी के होंश फाख्ता हो गए एवं बगैर क्षण गवाये उक्त पोस्ट को डिलीट कर दी गई थी।टूटी कलम समाचार
कोई भी पत्थरदिल इंसान भी ऐसा नही कर सकता…जिस तरह से वाहन भीड़ में जा घुसी और लोगो को रौंदते हुए भाग निकली एवं 5 किलोमीटर दूर जाकर खेत मे उतर गई। उससे यह अंदाजा भी लगाया जा सकता है कि वाहन के भीड़ में घुसते ही चालक के भाग्य ने साथ छोड़ दिया हो और ब्रेक दबाने के स्थान पर एक्सीलेटर पर पांव का दबाव बढ़ता चला हो जिससे वाहन की रफ्तार बढ़ती चली गई हो। क्योंकि अक्सर कई दुर्घटनाओं में ऐसा ही होता है कि चालक का ध्यान भंग होकर ब्रेक पैडल के स्थान पर एक्सीलेटर पैडल पर पैर का दबाव बढ़ जाता है। टूटी कलम
सबसे सस्ती है पुलिस…जब भी कोई घटना,दुर्घटना,हादसा होता है तो पुलिस की तरफ अंगुलियां उठने लगती है। अंगुली उठाने वाले यह नही जानते कि बाकी की चार अंगुलिया उनकी तरफ इशारा करती है। पुलिस को कारक मानकर निलंबन,ट्रांसफर, लाईन अटैच की मांगें की जाती है। जो कि पुलिस को जंजाल से मुक्ति दिलाने में ब्रम्हास्त्र का कार्य करता है। ऊपर से आदेश आने पर पुलिस वालों पर कार्यवाही कर क्लीन चिट देने का सबसे सरल उपाय है लाईन अटैच,निलंबन,ट्रांसफर जिसके बाद जनता का आक्रोश शांत पड़ जाता है और कुछ समय विश्राम के बाद दंडित पुलिस वाले अपनी ड्यूटी पर पुनः लौट आते है। टूटी कलम