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🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹.. हालांकि चक्रधर समारोह होने में अभी लगभग डेढ़ माह से ऊपर है, परंतु जिला प्रशासन ने सरकार के आदेश पर तैयारी शुरू कर दी है और मीडिया ने हवा देनी शुरू कर दी है क्योंकि यह समारोह पूर्ण रूप से शासकीय होता है. इसलिए जिला प्रशासन भी मजबूरी में नीरस और झेलाऊ कार्यक्रम करवाने में मजबूर होता है.
मीडिया जगत में इस कार्यक्रम के गुणगान होने लगे हैं क्योंकि 10 दिन तक दर्शकों, कलाकारो, परिजनों, रिश्तेदारों, दोस्त यारों, के लिए मीडिया वाले सुपरस्टार हुआ करते हैं क्योंकि विशेष कार्यक्रम के समय वीआईपी पास मीडिया कर्मियों के द्वारा जनसंपर्क विभाग से हाथ पांव जोड़कर जुटाए जाते जिसे वे अपने खास लोगों को दे देते हैं और अपना सिर गर्व से ऊंचा करते हैं.विज्ञापन मिलने के अतिरिक्त प्रत्येक कलाकार के साथ कलाकारों की इच्छानुसार सुबह, दोपहर,शाम, कभी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस,चाय,नाश्ते के आनंद के साथ कलाकारों के साथ सेल्फी लेने का मौका दिया जाता है. कार्यक्रम के दौरान चाय, पानी, काफी, कोल्ड ड्रिंक, पानी, हल्का-फुल्का नाश्ता भी जिला प्रशासन की तरफ से दिया जाता है. डम के अंदर एक अलग से टेंट लगाकर कलाकारों एवं मुख्य अतिथियों के लिए उत्कृष्ट,लजीज, चाय, नाश्ते, फास्ट फूड, ड्राई फूड, आदि की व्यवस्था रहती है किंतु यहां भी मीडिया वाले मंडराते रहते हैं और पॉकेट में ड्राई फ्रूट रखकर दांतों से चबाते रहते हैं. इसके साथ ही मीडिया वालों के लिए कार्यक्रम स्थल के सामने होटल जानकी में रात्रि भोज की व्यवस्था भी की जाती है. जहां मीडिया वाले अपने दोस्त यारों रिश्तेदारों के साथ पार्टी मनाकर सरकार के खाते में रकम लिखवा देते हैं. 10 दिनों तक आलू, भाजी,चटनी खाने वाले भी चिकन, मटन, मछली,की खिंचाई करते दिख जाते हैं. शायद यही वजह है कि जिला प्रशासन को केवल 10 दिनों के भोजन का बिल 30 लाख रुपए चुकाना पड़ता है.
अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय स्तर के शासकीय कार्यक्रम चक्रधर समारोह की शान दर्शक दीर्घा में पड़ी खाली कुर्सियों हुआ करती है. जिनके सामने कलाकारों को अपनी कला दिखानी पड़ती है क्योंकि कलाकार को अपने मेहनताने से मतलब रहता है. कार्यक्रम के दौरान उपस्थित कलेक्टर,एसपी,सीईओ, अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा जब तालियां बजाई जाती है तो दर्शकगण भी तालियां पीटना शुरू कर देते हैं.भले ही उनके भेजे में सुर,ताल,छंद,अलंकार,राग न घुसता हो क्योंकि बात इज्जत की रहती है. कार्यक्रम के लिए बहुत बड़ा डोम बनाया जाता है ताकि कार्यक्रम की भव्यता झलक सके.
इतने दिनों तक किसी का भी जनमोत्सव नहीं मनाया जाता है… पृथ्वी ने एक से बढ़कर एक योद्धाओं,वीर पुरुषों,नेताओं उद्योगपतियों को जन्म दिया है। जिनका भी जन्मदिन एवं पुण्यतिथि केवल एक दिन के लिए मनाया जाता है. फिर स्वर्गीय महाराज चक्रधर सिंह का जन्म उत्सव 10 दिनों तक क्यों मनाया जाता है. यदि जन्मोत्सव पर होने वाले खर्च प्रदेश सरकार न उठाए तो शायद चक्रधर सिंह का जन्मदिन एक दिन भी मनाया नहीं जा पाएगा. हम राजा चक्रधर सिंह जन्मोत्सव का विरोध नहीं कर रहे हैं. हम विरोध कर रहे हैं 10 दिनों तक पैसे की बर्बादी का, इन 10 दिनों में किसने करोड रुपए खर्च होते हैं और होंगे.जिसे जानकर आम जनता भी विचलित हुए बिना नहीं रह सकती
संगीत के क्षेत्र में एक से बढ़कर एक धुरंधर पैदा हुए हैं मगर उनका जन्मदिन भी इतनी भव्यता से नहीं मनाया जाता, आखिर स्वर्गीय महाराज चक्रधर सिंह ने ऐसा क्या काम किया ? जिसे याद रखा जा सके. चक्रधर सिंह के द्वारा शहर में कौन सा स्कूल, कॉलेज, अस्पताल,मंदिर,बाग बगीचे, पर्यटन स्थल ऐतिहासिक चीज़ बनवाई गई है ? पुरानी पीढ़ी के लोग बताते हैं कि चक्रधर सिंह के द्वारा कोलकाता, नागपुर, बनारस, लखनऊ, मुंबई आदि स्थानों से नृतकों को बुलाकर नृत्य करवाया जाया करता था.जिसमें महाराज स्वयं तबले की थाप दिया करते थे. इस कार्य में प्रजा के द्वारा दिया गया अनेक तरह का कर (टैक्स) खर्च किया जाता था.
इस बेतुके कार्यक्रम की शुरुआत कांग्रेस शासन काल में की गई थी और क्यों की गई थी ? यह समझ से परे हैं. अब जब हम 21वीं शताब्दी मैं कदम रखने जा रहे हैं तो फिर इस तरह के कार्यक्रमों को देखना कौन पसंद करता है ? पूरे 10 दिन राज परिवार के पूरे लोग भी कार्यक्रम में उपस्थित नहीं होते हैं. सबसे आश्चर्यजन के बात यह है कि इस समारोह में अपनी प्रस्तुति दे चुके अनेक कलाकार परलोक सिधार गए हैं.