@टिल्लू शर्मा. टूटी कलम. com.….आर्थिक,समाजिक,व्यवहारिक राजनीतिक,चिकित्सक आदि सभी रूपों में सक्षम प्रकाश मिश्रा को यदि भाजपा रायगढ़ विधायक चुनाव लड़ने के लिए हरी झंडी दे देगी तो मिश्रा को स्वयं को न ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी एवं धन को पानी के रूप में बहाया जायेगा। मिश्रा के कायल लोग स्वयं उनका समर्थन करने गांव-गांव गली गली सक्रिय होकर चुनावी कार्यालय,पोलिंग बूथ स्वयं के खर्च से बना डालेंगे यह शगूफा नही अपितु हकीकत होता दिख जायेगा। रायगढ़ जिले की पांचों विधानसभा मे सबसे दिलचस्प मुकाबला नायक विरुद्ध मिश्रा हो सकता है। पिछले बार की तरह ओ पी विरुद्ध उमेश की टक्कर में वह उत्साह नही रहेगा। जो पिछली बार देखने को मिला था। टूटी कलम पार्ट 2 विश्लेषण
ब्राम्हण विधायक की महती आवश्यकता है….अगर देखा जाए तो रायगढ़ विधानसभा में ब्राम्हणों का अच्छा खासा प्रभाव है एवं ग्रामीण लोग ब्राम्हणों के प्रति आदर भाव भी रखते है। पूर्व ने एक बार ही शायद निरंजन लाल शर्मा ही विधायक बन पाये है। उनके बाद किसी और को मौका ही नही दिया गया। आज मिश्रा ब्राम्हण एवँ भाजपा से सशक्त दावेदार बनकर उभरे है। इसलिए ब्राम्हण देवता को मिला सुअवसर हांथो से नही जाने देना चाहिए।डाक्टर मिश्रा के लिये यह स्वर्णिम अवसर है। जो कि दुबारा चाह कर भी नही लाया जा सकता टूटी कलम विश्लेषण
बहुत कम खर्च में चुनाव फतह किया जा सकता है…अपने व्यवहार एवं अपने पेशे अपनी लोकप्रियता,समय की जरूरत के अनुसार मिश्रा बहुत कम खर्च कर चुनाव जीत सकते है। मात्र सभी गावो में चिकित्सा केंद्र लगाकर रोगियों का निःशुल्क ईलाज एवँ निःशुल्क दवाइयों का वितरण शहर के वार्डो में भी चिकित्सा शिविर लगाकर आसानी से प्रचार प्रसार किया जा सकता है। विशेषज्ञ डॉक्टर लोग भी अपनी सेवाएं देने से दवा प्रतिनिधि सेम्पल की दवाई,दवा दुकानदार जेनरिक दवाइयां देने से पीछे नही हटेंगे। इसे कह सकते है आम के आम गुठली के भी दाम
पैराशूट लैंडिंग को नाकार देगे रायगढ़ के मतदाता….रायगढ़ की प्रबुद्ध जनता किसी भी पार्टी का किसी भी हालत में पैराशूट प्रत्याशी नही पचायेगी। यदि कोई पैराशूट उतर भी जाएगा तो कांग्रेस के मजबूत एवं युवा विधायक प्रकाश नायक को वाक ओवर दे दिया जायेगा। हिन्दू,मुस्लिम,सिख्ख, ईसाई सभी वर्गों के लोगो से मिश्रा के सम्बंध मधुर रहे है। जिसका फायदा मिलना तय है। टूटी कलम विश्लेषण
अंधेरे में है एक प्रकाश,डाक्टर प्रकाश,डाक्टर प्रकाश
ब्राम्हण जब जब बोला है तो राज सिंहासन डोला है