
@टिल्लू शर्मा◾टूटी कलम डॉट कॉम# रायगढ़….बरमकेला तहसील के तहसीलदार की आशिक मिजाजी के कारण सहकर्मी महिला कर्मचारियों में अपनी आबरू को बचाने का भय समाया हुआ है। पिछले माह कलेक्टर के यहां हुई शिकायत पर जांच चल ही रही है। जांच जब तक पूरी होगी तब तक किसी बड़ी घटना घटने से भी इंकार नही किया जा सकता क्योंकि ताजा तरीन छेड़छाड़ की लिखित शिकायत आवेदन बरमकेला थाना,महिला थाना,पुलिस अधीक्षक कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय में पुनः की गई है। टूटी कलम

आवेदक ने तहसीलदार के खिलाफ शारीरिक सम्बन्ध बनाने एवं रात के समय बंगले में ही सोने पर जोर दिया जा रहा है एवं मौका मिलते ही आगे पीछे ऊपर नीचे के अंगों को जबरिया स्पर्श करने का प्रयास किया जाता है। उनकी बात न मानने पर नोकरी से बर्खास्त करवाने की धमकियां दी जाती है…..महिला पटवारी

महिला राजस्व निरीक्षक सरिया ने तहसीलदार अनुज पटेल के खिलाफ लिखित आवेदन में बतलाया कि अनुज पटेल को जब भी मौका मिलता है तो वह उसकी पीठ को हांथो से सहलाकर पीछे से कसकर पकड़ लेता है। उसकी बातें न मानने पर कापू ट्रांसफर करवा देने की धमकियां देता है।

माल जमादार महिलाकर्मी ने लिखित में बतलाया कि बरमकेला तहसीलदार अनुज पटेल उसे मानसिक यंत्रणा देते है एवं शारीरिक छेड़छाड़ करते रहते है। उनके अधीनस्थ कार्य करने पर स्वयं को असुरक्षित महसूस करती है।
महिला पटवारी ने बतलाया कि तहसीलदार अनुज पटेल उसे अपने सांथ रायगढ़ लाना चाहता था। किस काम के लिए यह पूरा बरमकेला तहसील कार्यालय जानता है। उसके द्वारा रायगढ़ जाने से मना कर देने पर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा एवँ उसके मई माह का वेतन में कटौती कर दी गई।
उक्त महिलाओं की लिखित शिकायत पर राजस्व पटवारी संघ ने कलेक्टर को आवेदन की निष्पक्ष जांच करने का आग्रह किया है। जब तक जांच पूरी नही हो जाती तब तक तहसीदार को निलंबित किया जाना श्रेयस्कर होगा।

राजनीतिक पहुंच,रिश्तेदारी की धौंस…बतलाया जा रहा है कि तहसीलदार अपने ऊंचे रसूखों एवँ रिश्तेदारी का बेजा इस्तेमाल कर आला अधिकारीयो पर भी रुआब जतलाने से नही चूकते है। पटेल सरनेम होने की वजह से आधी जांच तो नाम से ही प्रभावित हो जाती है और आधी जांच फोन करवा देने से प्रभावित करा दी जाती है। टूटी कलम
अपने आप को कामदेव का अवतार समझने वाले लंगोट के कच्चे तहसीलदार पर भला इतनी महिलाएं आरोप लगाकर अपनी छवि खराब कर समाज एवँ शहर गांव में बदनामी भरा जीवन कैसे गुजार सकेगी। धुँवा वहीं से उठता है जहां आग होती है। टूटी कलम क्रमशः