
✒️ टिल्लू शर्मा टूटी कलम…नेशनल हाईवे 49 के अस्तित्व में आने के बाद सरकारी जमीन को घेरकर 152% पटाकर या फिर बगैर पटाये ढाबे,होटल,चिकन सेंटर,पान दुकान,फास्ट फूड का व्यवसाय कर जमीन हड़पने का खेल जमकर खेला जा रहा है। रायगढ़-खरसिया मार्ग पर आने वाले समय मे 5-5 किलोमीटर के फासले पर पेटोल पंप खोलने के महत्वाकांक्षी लोग धीरे धीरे कब्जा कर सरकारी जमीन को हथियाने में रमने लगे है। टूटी कलम
नेशनल हाइवे सतही स्तर से काफी ऊपर बनी है जिस वजह से अगल -बगल की जमीने,खेत,खलिहान,नाले, टिकरा जमीन नीचे हो गए है। जिसे फ्लाईएश से पाटकर सड़क के लेबल में लाकर बेशकीमती जमीन बनाने में कई लोग लिप्त हो चुके है। जोरापाली चौक के बाद फ्लाईएश डंपिंग का कार्य द्रुतगति से चल रहा है। खरसिया अनुविभाग एवं रायगढ़ अनुविभाग के अधिकारी सीमा को लेकर असमंजस की स्थिति में है और सबसे बड़ा कारण यह है कि उक्त क्षेत्र मंत्री की विधानसभा में आता है एवं फ्लाईएश डलवाने वाले,जमीन पर कब्जा करने वाले,अवैध निर्माण करने वाले अपने आप को मंत्री का रिश्तेदार या करीबी बतला देते है। जिस वजह से अधिकारी भी करवाई करने से पीछे हट जाते है क्यूंकि अधिकारियों को कौन सा इस जिले या इस क्षेत्र में रहना है। इसलिए इसे रायगढ़ वासी या क्षेत्र वासी समझेंगे क्यूंकि फ्लाईएश से होने वाले नुकसान से ग्रामवासियों को ही जूझना पड़ेगा। सड़क से लगकर डंप किये गए उड़ते फ्लाईएश के कारण वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है एवं आसपास के ग्रामीण कई तरह खाज,खुजली,खांसी,सर्दी,दमा,अस्थमा, टीबी,नेत्र संबंधित आदि रोग से ग्रसित होने लगे है। टूटी कलम
हरीतिमा उजड़ रही,खेती का रकबा हो रहा है कम…नेशनल हाईवे बनने के कारण असंख्य वृक्षों की बलि दिए जाने के बावजूद अब लालची किस्म के लोग जमीन पर कब्जा जमाने की नियत से पेड़ो को काटने से पीछे नही है इसके अतिरिक्त फ्लाईएश खेतो में,प्राकृतिक नालो में डालकर पाट दिये जा रहे है। जिसकी वजह से खेती का रकबा घटने लगा है क्यूंकि फ्लाईएश से खेत पटने लगा है। जंगली जानवरों के पानी पीने के प्राकृतिक साधन नाले पाट देने की वजह से रोजाना सड़को पर उनके शव इस मार्ग में आसानी से देखे जा सकते है। टूटी कलम
मंत्री कांग्रेसी नेताओं के करीबी बन जाता है कोई भी मोती,पत्थर,आकार,निराकार.…फ्लाईएश,अतिक्रमण के विषय मे जानकारी मांगने पर हर कोई पत्थर मोती बनकर आकार वाला भी निराकार बन कर मंत्री का अत्यंत करीबी एवं रिश्तेदारी गिनाने लग जाता है और यहां तक बतलाया जाता है कि मंत्री से उनकी रोज फोन पर चर्चा होती रहती है एवं उनके द्वारा किये जा रहे अवैध कार्यो की जानकारी मंत्री को भी है। जिस वजह से कलेक्टर,राजस्व विभाग, पर्यावरण विभाग,ग्राम पंचायत के सदस्य भी करवाई करने एवं संज्ञान लेने से कतराते है। इस वजह से आम ग्रामीण भी चुप हो जाते है एवं आने वाले चुनाव में उत्तर देने की प्रतीक्षा कर रहे है। अगर मंत्री द्वारा इस दिशा में यदि कोई संज्ञान नही लिया जाएगा तो चुनाव के समय विपक्षियों के सवालों का जवाब देना मुश्किल हो सकता है। उस समय कोई मोती,माणिक,आकार,निराकार,विकास काम नही आयेगा।
मामा – भांजा की जोड़ी कहीं महाभारत का रण क्षेत्र न बना दे विधानसभा क्षेत्र को… इन दिनों मामा भांजा की जोड़ी ने मंत्री के नाम पर कहर मचा रखा है। उनका फ्लाईएश डंपिंग का प्रति ट्रिप नजराना फिक्स है। जहां मर्जी आये वहां फ्लाईएश डाला जा सकता है।रामलीला मैदान के खेल में तो कोई जीत हासिल न हुई इसलिये खेल ही बदल डाला गया है। मामा की पूछ परख मंत्री के दरबार मे बढ़ जाने की वजह से आर्थिक खेल की बिसात बिछा कर मामा कहता है भांजे पौ बारह तो भांजा कहता है मामाश्री जय उमेश इसलिए आजकल मामा भांजे की चाल घोड़े की माफिक हो चुकी है। यदि मंत्री ने इन सबको दरकिनार नही किया तो वोट कटवा नेता चुनाव आते आते काफी वोटों का नुकसान कर चुके होंगे। टूटी कलम
मामा-भांजे की जोड़ी को मोती की माला में पिरोने पर पुराने कांग्रेसियो एवं कार्यकर्ताओ में भारी रोष देखा जा रहा है। वे मन ही मन कुढ़ कर आने वाले चुनाव का इंतजार कर रहे है।इसलिए मंत्री को इस दिशा में विचार करना होगा अन्यथा देर हो चुकी होगी एवं उनके द्वारा करवाये गए विकास को भूलने में मतदाता देर भी नही करेंगे। टूटी कलम






