✒️टिल्लू शर्मा रायगढ़…. नोवेल कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण एवं नये वायरस ओमीक्रान के आगमन से चिंतित सरकार एवं जिला प्रशासन ने कोविड़ 19 की गाइडलाइंस जरूर जारी कर दी है परन्तु इसपर कड़ाई से पालन करवाने के लिए जिला प्रशासन, निगम प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग को सड़क पर उतरना होगा। अन्यथा 100% वैक्सीनेशन की तरह से गाइडलाइंस की सफलता को भी कागजो में पूरी सफल दिखा दी जायेगी। जिसके दुष्परिणाम आने वाले समय मे दिखने शुरू हो जायेंगे। टूटी कलम
पुलिस को फ्री हैंड करना होगा…गाइडलाइंस के पालन करवाने की खातिर बगैर राजनैतिक दबाव के भीड़भाड़,मास्क,बेवजह घूमने वालो पर कार्रवाई करने के लिए विशेषाधिकार देने पड़ेंगे तब जाकर पब्लिक कुछ समझेगी। निगम,स्वास्थ्य के अधिकारियों, कर्मचारियों की बातें न तो कोई मानता है और न ही कोई सुनता है। टूटी कलम
50% की उपस्थिति में असमंजस…सरकारी दफ्तरों में 50% की उपस्थिति तो समझ मे आती है क्यूंकि वैसे ही दफ्तरों में अधिकारी,कर्मचारी ड्यूटी पर जाने से कतराते है। लंच के बाद तो किसी का भी मिलना अहोभाग्य माना जाता है। शनिवार,रविवार, अवकाश के बाद सोमवार को खुमारी पूरी तरह से नही उतरती,मंगलवार को टी एल मीटिंग का बहाना फिर बुधवार,गुरुवार को काम पर आना शुक्रवार को शनिवार,रविवार की छुट्टी में रम जाना होता है।। मगर समाजिक,धार्मिक आयोजनों पर 50% की उपस्थिति के क्या मापदंड होने चाहिए जिसको लेकर नागरिको में उपापोह की स्थिति है। माना कि कोई यज्ञ या कथा आदि का आयोजन किसी स्कूल के मैदान में,नव वर्ष की पार्टी होटलो के व्यंकट हालो,मैरिज गार्डनों में आयोजित किये जायेंगे तो 50% की लिमिट कैसे तय होगी। टूटी कलम
