✒️टिल्लू शर्मा टूटी कलम रायगढ़..…. रविकर को बहुप्रतीक्षित वकीलों की रैली को लेकर जनता के मन मे भी उत्सुकता थी कि आखिर कितने विशालकाय रूप की शक्ल के रूप में रैली देखने को मिलेगी। मगर जब रैली निकाली गई तो सच्चाई सामने आ गई। बतलाया जा रहा है कि अधिवक्ता संघ में मेम्बरों की संख्या 600 के आसपास है और रैली में शामिल हुए वकीलों की उपस्थिति अनुमानित 300 से 400 के बीच रही। टूटी कलम
जगह जगह हुआ स्वागत…अधिवक्ताओ के द्वारा निकाली गई रैली का जगह जगह स्वागत होना बतलाया जा रहा है। अनेक स्थानों पर वकीलों पर फूलों की पंखुड़ियां डालकर,माला पहनाकर,गुलदस्ते देकर,बिस्किट,केला,पानी,फ्रूटी खिला पिलाकर स्वागत किया जाना बतलाया गया। टूटी कलम की टीम ने जब नगर भ्रमण किया और जानकारियां जुटाई तो यह बात सामने आई एवँ लोगो ने बतलाया कि कुछ वकीलों से रिश्तेदारी,पुराने पारिवारिक सम्बंध स्वागत करने की वजह बतलाई गई तो कुछ लोगो के नामांकन,सीमांकन,बंटवारा के कार्य राजस्व न्यायलय में फाइलों में दबे हुए होना बतलाया तो कुछ लोगो के द्वारा किये गए अवैध निर्माण को भी तोड़ा जाना एवं कइयों को सड़क चौड़ीकरण के मद्देनजर निर्माण को पीछे हटाने की नोटिस जारी किया जाना वकीलों के स्वागत का कारण बतलाया गया ताकि वकीलों की सहायता से निर्माण को टूटने से बचाया जा सके। टूटी कलम
वकीलों के द्वारा निकाली गई रैली में आसपास की नगर पंचायतो,जांजगीर मालखरौदा,सरगुजा,आदि स्थानों के वकीलों की उपस्थिति के कारण रैली सम्मान जनक रूप में निकाली जा सकी। टूटी कलम
भ्र्ष्टाचार रोकने की मुहिम में जेल निरुद्ध साथियों का मुद्दा भूला अधिवक्ता संघ…..जिन वकीलों के कारण इस आंदोलन की शुरुआत हुई है एवं जिनके कारण उक्त मामला प्रदेश स्तर पर गरमाया हुआ है। वे वकील जेल के भीतर है। जिनके रिहाई के लिए पहले आंदोलन चलाया जाना था। जिसके बाद भ्र्ष्टाचार का मुद्दा उठाकर आंदोलन चलाया जाना था। “भ्र्ष्टाचार मुर्दाबाद” के स्थान पर ” जेल के ताले टूटेंगे,वकील साथी छूटेंगे” सरीखे नारे रैली में लगाया जाना चाहिए था। टूटी कलम
अब इंतजार 27 फरवरी को निकलने वाली रैली का….अधिवक्ता संघ के द्वारा आज निकाली गई रैली को और व्यापक रूप देने के लिए आने वाले रविवार को रायगढ़ में ही प्रदेश स्तर पर वकीलों को रैली में शामिल होने का रायगढ़ आने का बुलावा दिया गया है। अभी तो ये अंगड़ाई है,आगे और लड़ाई है किस हद तक सफल हो पाता है। यह अगले रविवार को मालूम चल पायेगा। टूटी कलम
अंत मे …वक्ताओं के व्यवक्त समझ से परे है ? तत्काल में मारपीट की जा सकती है। यदि यही बात कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ वाले कह दे कि तत्काल में किसी अधिकारी ने पेपरवेट फेंक मारा तब ? (2) बगैर किसी अस्पताल में भर्ती के रिपोर्ट दर्ज की गई ? तो क्या यह बात हर अपराध का बचाव है कि 307 घटित होने पर अपराध दर्ज किया जाना चाहिए ? (3) यदि पुलिस भी भ्रष्ट है तो फिर सही रिपोर्ट दर्ज होने की उम्मीद क्यूँ की जाती है ? टूटी कलम